बांके बिहारी मंदिर में पहली बार ठाकुर जी को नहीं लगा भोग, हलवाई को सैलरी नहीं मिली थी
Banke Bihari Temple prasad issue: मंदिर के पुजारियों ने इस पर नाराजगी जताई है. बताया है कि मयंक गुप्ता नाम के हलवाई को भोग और प्रसाद बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन सोमवार को प्रसाद नहीं मिला. इससे बांके बिहारी मंदिर में सालों से चली आ रही परंपरा टूट गई.

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में पहली बार भगवान को भोग नहीं लगाया गया. इससे मंदिर में सालों से चली आ रही परंपरा टूट गई. वजह ये है कि जिस हलवाई को भोग और प्रसाद तैयार करने का काम सौंपा गया है, उसे सैलरी नहीं मिली. इस वजह से भोग तैयार नहीं किया गया. अब मंदिर के गोस्वामियों ने इस पर नाराजगी जताई है.
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर में सोमवार, 15 दिसंबर को बांके बिहारी मंदिर में भोग नहीं लगाया गया और न ही श्रद्धालुओं को प्रसाद मिला. जबकि हमेशा से परंपरा है कि हर रोज सुबह भगवान को बाल भोग और शाम को शयन भोग चढ़ाया जाता है.
क्यों नहीं चढ़ा भोग?मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर में व्यवस्था और देख-रेख की निगरानी के लिए एक हाई पावर कमेटी गठित की थी. इसी के तहत प्रसाद और भोग तैयार करने के लिए एक हलवाई को भी रखा गया था. बताया गया है कि हलवाई को हर महीने 80 हजार रुपये सैलरी दी जाती है. लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसे सैलरी नहीं मिली है. इसके बाद हलवाई ने सोमवार को प्रसाद और भोग तैयार नहीं किया.
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मंदिर के एक गोस्वामी (पुजारी) ने आजतक को बताया कि मयंक गुप्ता नाम के व्यक्ति को बांके बिहारी मंदिर के ठाकुर जी का प्रसाद बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. उसके द्वारा तैयार किया भोग ठाकुर जी को चढ़ाया जाता है, लेकिन सोमवार को चढ़ाने के लिए भोग ही नहीं मिला. वहीं हाई पावर कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि उन्हें सोमवार को भगवान को भोग न चढ़ाए जाने की जानकारी मिली थी. मयंक गुप्ता से इस बारे में पूछा गया तो पता चला कि सैलरी न मिलने के कारण भोग नहीं बनाया गया. जल्द ही हलवाई को सैलरी देने के निर्देश दिए गए हैं. इस तरह की घटना फिर से न हो, इसके लिए कमेटी की ओर से आदेश दिया जा रहा है.
वीडियो: बांके बिहारी मंदिर में VIP दर्शन को लेकर CJI सूर्यकांत ने क्या कह दिया?

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