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ओडिशा में पेंशन पाने के लिए क्या लोग वोटर ID में अपनी उम्र बढ़ा रहे?

Odisha के मुख्य चुनाव अधिकारी आरएस गोपालन ने जिला अधिकारियों (DM) से कहा है कि वे आवेदकों से उनका पिछला Voter Card दिखाने को कहें, ताकि उनकी असली उम्र का पता लगाया जा सके.

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Odisha: पुराने वोटर का कार्ड का नए वोटर का कार्ड से मिलान होगा. (File Photo: PTI)
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मौ. जिशान
6 सितंबर 2025 (Published: 10:15 PM IST)
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वोटर आईडी कार्ड वो डॉक्यूमेंट है, जो तस्दीक करता है कि आप भारत के एक मतदाता हैं. इसी से हम वोट डालते हैं और अपने पसंदीदा जनप्रतिनिधियों को चुनते हैं. लेकिन वोटर आईडी कार्ड को लेकर ओडिशा में अलग ही मामला चल रहा है. अधिकारियों को भनक लगी कि लोग बड़ी संख्या में वोटर कार्ड में अपनी जन्मतिथि बदलवा रहे हैं. लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है, जबकि वहां भारतीय चुनाव आयोग ने बिहार के SIR की तरह कोई अभियान नहीं छेड़ा है?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओडिशा सरकार बुजुर्गों के लिए पेंशन स्कीम चलाती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम का फायदा उठाने में बड़ी संख्या में आवेदकों ने ऐसे वोटर कार्ड की जानकारी दी है, जिनमें हाल ही में उनकी जन्मतिथि बदली है. पेंशन स्कीम के तहत 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को 3,500 रुपये महीना मिलेंगे.

सामाजिक सुरक्षा और विकलांग सशक्तिकरण विभाग (SSEPD) के अधिकारियों ने बताया कि राज्य की पेंशन स्कीम के तहत नामांकन के लिए वोटर आईडी कार्ड भी जरूरी दस्तावेजों में से एक है. ओडिशा में BJP सरकार ने 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बढ़ाकर 3,500 रुपये कर दी है. यह पार्टी के चुनावी वादे में शामिल था.

SSEPD सचिव आरएस गोपालन ने अब जिला अधिकारियों (DM) से कहा है कि वे आवेदकों से उनका पिछला वोटर कार्ड दिखाने को कहें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी उम्र असली है या पेंशन लेने के लिए उसमें बदलाव किया गया है. आरएस गोपालन ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) भी हैं.

रिपोर्ट में आरएस गोपालन ने बताया,

“सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों की संख्या काफी ज्यादा है. हमने कई मामलों में पाया है कि आवेदकों ने ऐसे मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Card) दिखाए हैं जिनमें उनकी जन्मतिथि हाल ही में बदली गई है. इसलिए, हमने अधिकारियों से कहा है कि वे उनके पुराने वोटर आईडी कार्ड से इसका मिलान करके देखें. यह कदम अयोग्य लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने से बचने के लिए उठाया गया है.”

पहले 60 साल से ऊपर के लोगों को 1,000 रुपये और 80 साल से ऊपर के लोगों को 1,200 रुपये हर महीने मिलते थे. BJP ने अपने चुनावी घोषणापत्र में इसे बढ़ाकर 3,500 रुपये प्रति महीना करने का वादा किया था. जब बीजेपी ने सत्ता संभाली, तो सरकार ने 80 साल से ऊपर के लोगों और 80 फीसदी विकलांगता वाले व्यक्तियों को 3,500 रुपये देने की शुरुआत की. इस नए नियम के तहत कुल 56 लाख लाभार्थियों में से केवल 3 लाख लोगों को 3,500 रुपये मिल रहे हैं.

ओडिशा के SSEPD मंत्री नित्यानंद गोंड ने शुक्रवार, 5 सितंबर को कहा कि जो लोग वोटर आईडी कार्ड में अपनी उम्र बदलकर बढ़ी हुई पेंशन का फायदा उठा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ओडिशा सरकार पेंशन लाभार्थियों को मासिक पेंशन देने के लिए हर साल 7,500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती है.

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