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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीख का एलान, जानिए कब आएंगे नतीजे

Vice President Election: चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीख का एलान कर दिया है. नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त है. यदि विपक्ष उम्मीदवार नहीं खड़ा करता तो उपराष्ट्रपति निर्विरोध चुने जाएंगे.

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Vice President Election Date Election Commission
नामांकन के लिए आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है. (फाइल फोटो- PTI)
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रिदम कुमार
1 अगस्त 2025 (Updated: 1 अगस्त 2025, 02:18 PM IST) कॉमेंट्स
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चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए तारीखों (Vice President Election) का एलान कर दिया है. नए उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी. उसी दिन वोटों की गिनती होगी और शाम तक नतीजे का एलान कर दिया जाएगा. चुनाव में नामांकन करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है. उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद खाली हो गया था.

चुनाव आयोग के प्रेस नोट के मुताबिक, 7 अगस्त को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है. उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त होगी. 9 सितंबर को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक वोट डाले जाएंगे. शाम तक देश का 17वां उपराष्ट्रपति चुन लिया जाएगा.

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चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को जारी की सूचना.

भारतीय संविधान के आर्टिकल 66 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा में वोट डाले जाएंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक, दोनों सदनों के कुल 782 सदस्य नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे. 

चुनाव कराने के लिए राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है. रिटर्निंग ऑफिसर के सहयोग के लिए राज्यसभा से ही जुड़े दो सहायक रिटर्निंग ऑफिसर भी नियुक्त किए गए हैं.

कैसे चुना जाएगा नया उपराष्ट्रपति?

उपराष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य चुनते हैं. इसमें नॉमिनेटेड सदस्य भी शामिल होते हैं. लेकिन राज्य की विधानसभाएं इसमें हिस्सा नहीं लेतीं. चुनाव संसद भवन में होता है. सीक्रेट बैलेट से वोट डाला जाता है. उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति यानी प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम से होता है. इसमें वोटिंग खास तरह से होती है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं. 

यह भी पढ़ेंः दो हाई कोर्ट जजों की वजह से जगदीप धनखड़ को देना पड़ा इस्तीफा?

वोटिंग के दौरान वोटर को एक ही वोट देना होता है. लेकिन उसे अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है. बैलेट पेपर पर वोटर को पहली पसंद को 1, दूसरी को 2 और इसी तरह से प्राथमिकता तय करनी होती है.

कैसे होती है वोटों की गिनती?

चुनाव कौन जीतेगा? यह कोटे से तय होता है. जितने सदस्य वोट डालते हैं, उसकी संख्या को दो से डिवाइड किया जाता है. फिर इसमें +1 जोड़ा जाता है. मान लीजिए कि चुनाव में 787 सदस्यों ने वोट डाले तो इसे 2 से भाग देने पर 393.50 आता है. इसमें 0.50 को गिना नहीं जाता इसलिए ये संख्या 393 हुई. अब इसमें 1 जोड़ने पर 394 होता है. चुनाव जीतने के लिए 394 वोट मिलना जरूरी है. जिस कैंडिडेट को पहली पसंद के सबसे कम वोट मिलते हैं, उसे बाहर कर दिया जाता है. उसके वोट दूसरे पसंद वाले उम्मीदवार को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई कैंडिडेट जरूरी कोटा हासिल न कर ले.

वीडियो: धनखड़ से पहले किस उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर हुआ था विवाद

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