पुलिस ने बिजलीकर्मी को अरेस्ट किया, विभाग ने बिजली चोरी की बात कह चौकी की लाइट काट दी
पुलिस एक विवाद के मामले में बिजलीकर्मी को पकड़कर थाने ले आई. उसपर भारतीय न्याय संहिता की धारा 170 लगाकर शांति भंग करने की कार्रवाई कर दी. जिसके बाद गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने चौकी की बिजली काट दी. इस घटना का एक वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया.

उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले का एक विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. मामला दो सरकारी विभागों के बीच हुए झगड़े का है. एक बिजली कर्मचारी को पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में जेल भेजा तो उसने पुलिस के साथ 'टिट फॉर टैट' कर दिया. पुलिस की कार्रवाई से बिजली कर्मचारी इतने निराश हुए कि उन्होंने पुलिस चौकी की बिजली काट दी.
जानकारी के मुताबिक़, पुलिस ने एक विवाद के चलते बिजलीकर्मी को जेल में बंद किया था. उसपर भारतीय न्याय संहिता की धारा 170 लगाकर शांति भंग करने की कार्रवाई कर दी. जिसके बाद गुस्साए बिजलीकर्मियों ने बहादुरगढ़ थाना के बाहर बिजली का बकाया बिल चिपका दिया. थाने का बकाया बिल कुल 3 लाख 43 हज़ार 974 रुपये का था.
बिजली कर्मचारी को अरेस्ट क्यों किया?इस विवाद की शुरुआत हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र से हुई. यहां एक बिजली संविदाकर्मी प्रदीप कुमार बकाया बिल लेकर अमरपाल नाम के व्यक्ति के घर गए थे. बिजली का बिल जमा करने के दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस को बुलाने तक कि नौबत आ गई. पुलिस मौके पर पहुंची भी. पुलिस अमरपाल और प्रदीप दोनों को थाने ले गई और बंद कर दिया. प्रदीप इसी बात से नाखुश रहा कि मामले की जांच किए बिना ही पुलिस ने उसे थाने में बंद कर दिया.
जब मामले की खबर बिजली विभाग को लगी तो कुछ संविदा कर्मचारी बहादुरगढ़ पुलिस थाना पहुंचे. उन्होंने प्रदीप की रिहाई की सिफारिश की, लेकिन पुलिस ने अमरपाल और प्रदीप दोनों पर शांति भंग करने के आरोप में कार्रवाई कर दी. इसके चलते बिजलीकर्मियों ने थाने के बाहर बिजली का बिल चिपका दिया.
बिजली विभाग ने थाना क्षेत्र में बिजली की चेकिंग शुरू कर दी. जिसके बाद कस्बा पुलिस चौकी के पास बिजली के तारों का जाल मिला. पुलिसकर्मियों पर बिजली की चोरी का आरोप लगाया और चौकी की बिजली काट दी. इस घटना का एक वीडियो रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर डाल दिया.
पुलिस ने क्या बताया?इस मामले पर एएसपी विनीत भटनागर ने अपना बयान दिया. उन्होंने कहा,
विवाद बहादुरगढ़ थाने के पुलिसकर्मियों और बिजली संविदा कर्मियों के बीच हुआ था. दोनों पक्ष के बीच कुछ भ्रांतियां थीं जो अब दूर हो गई हैं. दरअसल, कल विद्युत संविदा कर्मी बहादुरगढ़ के एक गांव में बिजली चेकिंग करने गए थे. चेकिंग के दौरान एक व्यक्ति और विद्युतकर्मी के बीच विवाद हो गया. जानकारी मिलते ही थाने की टीम मौके पर पहुंची. दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई, इसीलिए हमने शांति भंग करने की धारा लगाई.
पुलिस ने ये भी बताया कि प्रदीप के मन में इसी बात का रोष था कि मामले की गहनता से जांच नहीं की गई है. लेकिन अब दोनों पक्षों में बात हो गई है, अब कोई विवाद नहीं है.
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