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UP में स्कॉलरशिप घोटाला, 4,000 अल्पसंख्यक छात्रों का पैसा खा गए स्कूल वाले

Sant Kabir Nagar Scholarship Scam: जांच में सामने आया कि जिले के 46 शैक्षिक संस्थानों ने 4,000 छात्रों के छात्रवृत्ति के रिकॉर्ड पेश नहीं किए थे. रिकॉर्ड के ना मिलने पर गड़बड़ी का अंदेशा हुआ. इसके बाद विभाग ने जांच शुरू की थी.

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संत कबीर नगर में 3.25 करोड़ रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला. (India Today)
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मौ. जिशान
21 जून 2025 (Published: 10:13 PM IST) कॉमेंट्स
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Uttar Pradesh Scholarship Scam: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले (Sant Kabir Nagar) में लगभग 3.25 करोड़ रुपये का अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले का पता चला है. इस मामले में अल्पसंख्यक विभाग ने 46 स्कूलों और उनसे जुड़े 98 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. यह घोटाला साल 2021-22 के दौरान भारत सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत भेजी गई रकम से जुड़ा हुआ है.

इंडिया टुडे से जुड़े आलमगीर की रिपोर्ट के मुताबकि, अल्पसंख्यक विभाग की जांच में सामने आया कि जिले के 46 शैक्षिक संस्थानों ने 4,000 छात्रों के छात्रवृत्ति के रिकॉर्ड पेश नहीं किए थे. रिकॉर्ड के ना मिलने पर गड़बड़ी का अंदेशा हुआ. इसके बाद विभाग ने जांच शुरू की थी. फील्ड स्तर पर अधिकारियों ने मामले की जांच की थी.

इसमें यह भी खुलास हुआ कि इन संस्थानों ने फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति का पैसा हासिल किया था. इस पूरे मामले में अल्पसंख्यक विभाग के जिला अधिकारी ने खलीलाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस के मुताबिक, यह घोटाला लगभग 3.25 करोड़ रुपये का है. आरोप है कि शैक्षिक संस्थानों ने गलत तरीके से छात्रवृत्ति की रकम का गबन किया है.

संत कबीर नगर के अपर पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार सिंह ने बताया,

"अधिकारी द्वारा कोतवाली खलीलाबाद में एक अभियोग पंजीकृत कराया गया है जो कि छात्रवृत्ति घोटाले के संदर्भ में है. इसमें लगभग 46 शैक्षणिक संस्थानों और उनसे संबद्ध 98 व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया है. इसमें कोतवाली में अभियोग की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. ये बड़ा घोटाला है, प्रकाश में आया है. इसमें लगभग 3.25 करोड़ रुपये की बात प्रकाश में आई है. जो भी तथ्य सामने आएंगे, तदनुसार इसमें आगे कार्रवाई की जाएगी."

विभागीय अधिकारियों ने जब फील्ड में जाकर वेरिफिकेशन किया तो छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया. अधिकारियों को रिकॉर्ड नहीं मिले और आरोप है कि शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति का पैसा हड़प लिया. शिक्षण संस्थानों का छात्रवृत्ति के पैसे का इस तरह घोटाला करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ माना जा रहा है.

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