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'देहात में लोग ऐसे ही बोलते... ', नीतीश की हरकत पर 'घटिया' बयान देने वाले मंत्री संजय निषाद अब ये बोले

यूपी के मंत्री Sanjay Nishad ने Nitish Kumar की नकाब खींचने वाली हरकत का बचाव किया. और बचाव करते-करते जो कहा, वो खूब वायरल हो रहा है. विवाद बढ़ा तो अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है.

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UP Minister Sanjay Nishad On CM Nitish Kumar Pulling Muslim Woman Doctor Hijab
यूपी के मंत्री संजय निषाद (दाएं) ने नीतीश कुमार का बचाव किया.
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रिदम कुमार
17 दिसंबर 2025 (Updated: 17 दिसंबर 2025, 10:49 AM IST)
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उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब खींचे जाने की घटना का बचाव किया. और बचाव करते-करते जो शब्द बोले, वो खूब वायरल हो रहे हैं. जब उनके बयान पर ज्यादा विवाद होने लगा तो उन्होंने एक वीडियो जारी कर पूरे मामले पर सफाई दी.

दरअसल, नीतीश कुमार की हरकत के बाद एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में संजय निषाद ‘हंसते’ हुए बोले थे, 

“कहीं और छू लिया तो क्या होता? नकाब पर आप लोग इतना कह रहे हैं. कहीं चेहरा-वेहरा छू लेते, कहीं और उंगली पड़ जाती तब क्या करते आप लोग?”

संजय निषाद के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग उन्हें खरी-खरी सुनाने लगे. डॉ. शीतल मदन नाम की एक यूजर ने लिखा, 

“बस उनसे पूछना चाहती हूं, अगर यही बात उनकी बेटी/बहन के साथ होती, तो क्या तब भी उनके शब्द यही होते? बेशर्म!”

Comment
यूजर का कॉमेंट.

मोना फारूख अहमद नाम की महिला ने लिखा, 

“एक घटिया आदमी दूसरे का बचाव कर रहा है जिसने एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाई. दोनों पावर में हैं. महिलाओं की सुरक्षा के मामले में इन जैसों पर कभी भरोसा न करें. उनका नाम बताओ, उन्हें शर्मिंदा करो और उन्हें दोबारा वोट मत दो.”

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यूजर का कॉमेंट.

मामला बिगड़ने लगा तो वीडियो जारी कर मंत्री संजय निषाद ने सफाई दी. बोले उन्हें गलत समझा गया. उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने वीडियो में कहा, 

“नीतीश जी का आशय यही था कि थोड़ी ठीक फोटो आ जाए. चेहरा थोड़ा अच्छा आ जाए. अच्छे लोग अच्छी चीज देखते हैं. खराब लोग खराब चीज देखते हैं. अगर आप फोटो खिंचवा रही हैं. चेहरा आएगा तभी तो माना जाएगा न कि नियुक्ति पत्र किसने प्राप्त किया है.”

संजय निषाद ने आगे कहा कि पूर्वांचल के बारे में कोई थोड़ा बहुत भी ज्ञान रखता होगा तो वह जानता होगा कि गांव देहात में लोग ऐसे ही बोलते हैं. कुछ लोग भोजपुरी में कहते हैं, अरे छोड़ा इ बात. यह कोई अपमान नहीं है, बल्कि बातचीत को आगे बढ़ाने और विवाद से बचने का लोक प्रचलित तरीका है.

देश में हर क्षेत्र की भाषा अलग-अलग होती है. इसमें ऐसा कुछ नहीं है. जैसे साउथ की भाषा को उत्तर भारत के लोग अलग भाषा में ले जा सकते है. इसका मतलब यह नहीं कि गाली या अपमान की नीयत से देखा जाए. यह बेमतलब का विवाद खड़ा किया जा रहा है. यही बात भोजपुरी में कही गई थी. इसमें किसी महिला या धर्म का अपमान नहीं था. न ही कोई अपमान का कोई उद्देश्य था.

उन्होंने कहा, 

“अगर तब भी किसी को बुरा लगा है तो अपने शब्दों को वापस लेता हूं. लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ लोग जानबूझकर बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं. एक एजेंडे का रूप देने की कोशिश की जा रही है. अगर किसी को राजनीति करनी है तो करे. लेकिन देश और समाज में अनावश्यक तनाव पैदा न करे.”

बता दें कि बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वह महिला डॉक्टर के चेहरे से जबरदस्ती हिजाब हटाते दिख रहे हैं. इसके बाद कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने उन पर जबरदस्त हमले शुरू कर दिए थे.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: नीतीश कैबिनेट में कौन-कौन बना मंत्री? RJD ने परिवारवाद का आरोप लगा दिया

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