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UP बीजेपी के 17 अध्यक्ष में से 10 पूर्वांचल से, पकंज चौधरी भी वहीं से हैं

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो गया है. पंकज चौधरी को कमान मिली है. इससे पहले भी यूपी भाजपा के संगठन में पूर्वांचल का 'दबदबा' रहा है. पहले प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अब वाले के बीच में पूर्वांचल से संबंध रखने वाले 7 भाजपा प्रमुख हैं.

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Pankaj Chaudhary
पंकज चौधरी समेत 10 भाजपा अध्यक्ष पूर्वांचल से नाता रखते हैं (india today)
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राघवेंद्र शुक्ला
14 दिसंबर 2025 (Published: 05:10 PM IST)
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11 महीनों के लंबे इतजार के बाद भाजपा को यूपी में अपना कप्तान मिल गया. रविवार, 14 दिसंबर को यूपी भाजपा के प्रमुख के तौर पर पंकज चौधरी के नाम का ऐलान पीयूष गोयल ने किया तो भारतीय जनता पार्टी संगठन के अंदर पूर्वांचल की धमक एक बार फिर दिखी. योगी आदित्यनाथ के चुनाव क्षेत्र गोरखपुर के बगल में महाराजगंज जिला है. इसी नाम की लोकसभा सीट से पंकज चौधरी 7 बार के सांसद हैं. गोरखपुर में नगर निगम चुनाव के साथ उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. मुख्यमंत्री के इलाके से हैं तो इस बात की भी चर्चा है कि भाजपा की सरकार और उसका संगठन दोनों अब गोरखपुर से चलेगा. इसने यूपी और खासतौर पर भाजपा की सियासत में पूर्वांचल की महत्ता को थोड़ा और वजन दिया है. 

लेकिन, यूपी में भाजपा के कप्तानों की लिस्ट निकालें तो पता चलेगा कि यहां तो पूर्वांचल का पहले से ही ठीक-ठाक ‘दबदबा’ है. भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अभी के नवनिर्वाचित प्रमुख तक कुल 10 भाजपा यूपी प्रमुख पूर्वांचल से रिश्ता रखते हैं.  

माधव प्रसाद त्रिपाठी

दार्शनिक, समाजशास्त्री, इतिहासकार और राजनीतिक वैज्ञानिक रहे माधव प्रसाद त्रिपाठी साल 1980 में भाजपा के गठन के बाद पहले प्रदेश अध्यक्ष बने. सिद्धार्थनगर जिले बांसी में वो पैदा हुए और इसी जिले की डुमरियागंज सीट से 1977 से लेकर 1980 तक लोकसभा सांसद रहे. सांसद होने से पहले वो जनसंघ के टिकट पर 1969 और 1974 में विधायक भी रहे. 1980 से लेकर 1984 तक वो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे.

इसके बाद 1984 से लेकर 1990 तक अलीगढ़ के अतरौली गांव के कल्याण सिंह ने पार्टी की कमान संभाली. सीतापुर की राजनीति में सक्रिय राजेंद्र कुमार गुप्ता को यूपी भाजपा का तीसरा प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका मिला. ये दोनों नेता पूर्वांचल के नहीं थे लेकिन 1991 में गुप्ता के इस पद से हटने के बाद फिर इस पर एक पूर्वांचली की वापसी हो गई.

कलराज मिश्र

फिलहाल, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र यूपी भाजपा के दो बार प्रदेश अध्यक्ष बने. पहली बार वह 1991 से 1997 तक इस पद पर रहे. फिर 2000 से 2002 तक उन्हें दोबारा कमान सौंपी गई. गाजीपुर जिले के मलिकपुर गांव में उनका जन्म हुआ. 2014 के लोकसभा चुनाव में वह देवरिया सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.

राजनाथ सिंह

मौजूदा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 1997 से 2000 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली थी. वह वाराणसी के बभौरा गांव में पैदा हुए. गोरखपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. हालांकि, उनकी राजनैतिक कर्मभूमि पूर्वांचल नहीं रही. 1977 में वो हैदरगढ़ से विधायक बने. 1988 से 1991 तक यूपी विधानपरिषद के सदस्य रहे. लोकसभा चुनाव भी लड़ा तो गाजियाबाद और लखनऊ से. 25 मार्च 1997 को वो उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए और साल 2000 तक इस पद पर बने रहे. राजनाथ सिंह दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं. उनसे पहले यह उपलब्धि सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के पास थी.

राजनाथ सिंह के बाद साल 2000 में कुछ समय तक के लिए मिर्जापुर की चुनार सीट से चुनाव लड़ने वाले ओम प्रकाश सिंह भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. 

विनय कटियार

कानपुर में जन्में विनय कटियार 2002 से 2004 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. रामजन्मभूमि आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे विनय कटियार पूर्वांचल की फैजाबाद सीट से तीन बार 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा सांसद रहे.

केसरीनाथ त्रिपाठी

प्रयागराज से ताल्लुक रखने वाले वाले केसरीनाथ त्रिपाठी भाजपा के 8वें प्रदेश अध्यक्ष 2004 में बने. 2007 तक वो इस पद पर रहे. चुनाव भी वह झूंसी और दक्षिणी प्रयागराज सीट से लड़ते थे. केसरीनाथ यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. यूपी विधानसभा के स्पीकर रहे और बाद में बंगाल के राज्यपाल भी बने.

रमापति राम त्रिपाठी

गोरखपुर के झुडिया गांव में जन्मे डॉ. रमापति राम त्रिपाठी 2007 से 2010 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. साल 2014 से लेकर आज तक वह भाजपा के चुनाव प्रबंधन के सदस्य हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह देवरिया सीट से सांसद चुने गए.

सूर्य प्रताप शाही

देवरिया के सूर्य प्रताप शाही ने 2010 से 2012 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली. वह अविभाजित देवरिया की कसया सीट से पहली बार विधायक बने थे. कल्याण सिंह सरकार और बाद में योगी सरकार में भी वह कबीना मंत्री रहे.

लक्ष्मीकांत वाजपेई और केशव प्रसाद मौर्य के बाद गाजीपुर में जन्मे और वाराणसी के बगल की चंदौली सीट से चुनाव लड़ने वाले महेंद्र नाथ पाण्डेय को भाजपा ने यूपी में कमान सौंपी. वह 2017 से 2019 तक इस पद पर रहे. पांडेय के बाद स्वतंत्रदेव सिंह और भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी यूपी भाजपा प्रमुख के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा किया और अब फिर से यह कुर्सी पूर्वांचल के पंकज चौधरी के पास आ गई है.

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