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यूपी में एक ही शख्स कर रहा था 6 जिलों में सरकारी नौकरी, लाखों की सैलरी उठाई, भनक भी नहीं लगी

यूपी के स्वास्थ्य विभाग में हुए इस भर्ती घोटाले का आरोपी अर्पित जब पकड़ा गया तो सपा मुखिया Akhilesh Yadav ने यूपी के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath निशाना साधा. मगर जांच के बाद ऐसी जानकारी सामने आई की खुद अखिलेश पर सवाल उठने लगे.

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UP arpit singh doing government job in 6 districts under same name
एक ही नाम से छह अलग-अलग जिलों में लोग नौकरी कर रहे थे. (Photo: X)
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सचिन कुमार पांडे
9 सितंबर 2025 (Published: 12:11 PM IST)
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उत्तर प्रदेश में एक ही शख्स के नाम पर 9 साल तक 6 अलग-अलग जिलों में लोग काम करते रहे और सैलरी लेते रहे, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी. मामला सामने आने के बाद अब पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है. यूपी सरकार ने अब इस पूरे मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं.

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इसे लेकर योगी सरकार पर सरकारी नौकरी में घोटाले का आरोप लगाया है. हालांकि अब वह इसमें खुद फंसते नजर आ रहे हैं, क्योंकि इस शख्स की भर्ती उनके सीएम रहते हुए सपा सरकार के कार्यकाल में ही हुई थी.

क्या है पूरा मामला?

लाइव हिंदुस्तान की खबर के अनुसार पूरा मामला मई 2016 में यूपी में हुई एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती से जुड़ा हुआ है. इस भर्ती में अर्पित सिंह नाम के शख्स की एक्सरे टेक्नीशियन के पद पर नियुक्ति हुई थी. अखबार ने सीएमओ डॉ सत्यप्रकाश के हवाले से बताया कि उसकी मूल तैनाती हाथरस में मुरसान सीएचसी पर हुई थी.

arpit singh up job scam
Photo Source: X

वह रामपुर में नौ सालों से नौकरी कर रहा था. उसका हर माह का वेतन तकरीबन 60 हजार रुपये था और अब तक वह कुल 55 लाख रुपये वेतन पा चुका है. हालांकि, अब मानव संपदा पोर्टल से खुलासा हुआ कि इसी नाम से छह अलग-अलग जिलों में युवक नौकरी कर रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि हर जगह इसका वेतन भी जारी हो रहा है.

करोड़ों का लगाया चूना

अर्पित सिंह के रिकॉर्ड पर रामपुर के अलावा बदायूं, बांदा, बलरामपुर, शामली और फर्रूखाबाद में लोग नौकरी कर रहे हैं. इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे फर्जीवाड़े में विभाग को लगभग 4.5 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है. अब पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तीन डिप्टी सीएमओ की जांच टीम बनाई है.

arpit singh scam up
Photo Source: X

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साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक डीजी स्तर से चयनित कैंडिडेट्स का फिर से वेरीफिकेशन कराया जा रहा है. फर्जीवाड़ा पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

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