अतिक्रमण हटवाने गए थे SDM साहब, भीड़ ने दौड़ा लिया, 1 किलोमीटर भागे तब जान बच पाई !
SDM Attacked In Aligarh: सीओ का कहना है कि नगर निगम ने अपनी कार्रवाई के बारे में लोकल थाने में न लिखित और न ही फोन से जानकारी दी थी. वहीं, नगर निगम आयुक्त ने बताया कि नगर निगम की टीम ने पुलिस को सूचना दी थी.

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बुधवार 29 अक्टूबर को कुछ लोगों ने SDM (SDM Car Stone Pelting) की कार पर हमला कर दिया. उनकी गाड़ी पर ईंट-पत्थर फेंक गए. आलम यूं था कि भीड़ से बचने के लिए SDM को एक किलोमीटर की दौड़ तक लगानी पड़ी. दौड़कर वह पास के एक थाने पहुंचे, यहां जाकर उनकी जान बची. भीड़ के हमले में SDM, उनका ड्राइवर और गनर घायल हुए हैं. मामले में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है.
क्यों गुस्साई भीड़?दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मामला महुआखेड़ा इलाके के कयामपुर का है. दावा है कि यहां की एक सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने दीवार बनाई हुई थी. उसे हटाने के लिए बुधवार शाम 4 बजे निगम की टीम पहुंची थी. निगम की टीम ने अभियान चलाते हुए जेसीबी की मदद से अवैध अतिक्रमण हो गिरा दिया.
JCB के सामने लेटे लोगलेकिन भारी संख्या में लोग मौके पर जुट गए. निगम की कार्रवाई का विरोध करने लगे. कई लोगों ने जेसीबी मशीन के आगे लेटकर कार्रवाई रोकने की कोशिश की. कुछ लोग निगम की टीम से भिड़ने भी लगे. टकराव एक घंटे तक चलता रहा. कार्रवाई करने के बाद नगर निगम की टीम मौके से चली गई. लेकिन स्थानीय लोग मौके पर ही जुटे रहे और नारेबाजी कर रहे थे.
अतरौली के SDM को यूं पकड़ाइसी दौरान अतरौली के SDM सुमित सिंह की गाड़ी मौके से निकल रही थी. सरकारी अधिकारी की गाड़ी निकलते देख लोग भड़क गए. लोगों को लगा कि प्रशासन फिर कार्रवाई करने आ गया है. इसके बाद लोगों ने हाथ में ईंट-पत्थर उठाए और बिना रुके SDM अतरौली की गाड़ी पर फेंकना शुरू कर दिए. आनन-फानन में SDM घबरा गए और जान बचाने के लिए गाड़ी छोड़कर भागने लगे.
ऐसी बची SDM की जानभागते-भागते जैसे-तैसे वह एक किलोमीटर दूर महुआखेड़ा थाने पहुंचे, तब जाकर उनकी जान बची. पथराव के बीच SDM का गनर गाड़ी में ही फंस गया. भीड़ ने उसे पीटा. लेकिन बाद में कुछ लोगों ने उसे बचाया. SDM पर हमले की जानकारी मिलते ही चार थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया और हालात पर काबू पाया.
पुलिस ने क्या बतायाइसी बीच हंगामा कर रहे लोग मौके से गायब हो गए. लेकिन पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है. पूछताछ शुरू कर दी है. इलाके में आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी चेक किए जा रहे हैं. सीओ सिटी कमलेश कुमार का कहना है कि नगर निगम ने अपनी कार्रवाई के बारे में लोकल थाने में न लिखित में और न ही फोन से जानकारी दी थी.
निगम ने क्या कहादूसरी तरफ, नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि नगर निगम की टीम ने पुलिस को सूचना दी थी. इसके बाद ही कार्रवाई करने पहुंची थी. पुलिस की ओर से वहां 2-3 कॉन्स्टेबल भी भेजे गए थे और उनके सामने ही कार्रवाई की गई. निगम की टीम जब मौके से लौटी उसके बाद यह हंगामा हुआ.
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