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कुलदीप सेंगर, जज, सरकार, बीजेपी, उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने किसी को नहीं छोड़ा

Unnao Rape Case: उन्नाव की रेप पीड़िता ने Kuldeep Singh Sengar की जमानत का विरोध किया. उन्होंने अपने चाचा के जेल में होने पर सवाल खड़े किए. पीड़िता की मां ने भी कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर की.

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उन्नाव रेप पीड़िता और उनकी मां को दिल्ली पुलिस खींचकर ले गई. (ITG)
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हिमांशु मिश्रा
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24 दिसंबर 2025 (Updated: 24 दिसंबर 2025, 06:38 PM IST)
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उन्नाव रेप केस में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने के बाद पीड़ित परिवार बेहद निराश है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को जमानत देने के साथ उसकी उम्रकैद पर भी रोक लगा दी. इसके खिलाफ रेप पीड़िता और उनकी मां के साथ महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भायना ने 23 दिसंबर इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें खींचकर वहां से हटा दिया.

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी है. इसके बाद इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा के साथ बातचीत में कोर्ट के फैसले से नाराज रेप पीड़िता ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा,

"ऐसा देश में पहला ऑर्डर है कि रेप के आरोपी को जमानत मिली है. इस फैसले ने हर बेटी की हिम्मत तोड़ दी. जब तक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत खारिज नहीं की जाती है, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे. चाहे मुझे जेल ही क्यों ना जाना पड़ जाए. अगर उनको (जेल से) निकाला जा रहा है, तो हमें जेल में डाल दिया जाए, ताकि हम सेफ हो जाएं."

2017 के उन्नाव रेप केस की सुनवाई में रेप पीड़िता भी मौजूद थीं. उन्होंने कोर्ट के आदेश पर कहा,

"मैं कल हाई कोर्ट गई थी. मैंने जैसे ही फैसला सुना, मैंने विरोध करने की कोशिश की. जज साहब ने खड़े-खड़े ही फैसला सुना दिया. वे बैठे भी नहीं और फैसला सुनाकर चले गए. इस फैसले से मुझे बहुत दुख हुआ. मैं इतना आहत हुई कि सुसाइड कर लूं, लेकिन मैंने अपने बच्चों का सोचा और परिवार का सोचा. मरकर तो इंसाफ नहीं मिलने वाला है."

उन्होंने आगे कहा,

"अगर भगवान ने जिंदा रखा है, तो इंसाफ के लिए संघर्ष करेंगे. न्याय मिलेगा. लेकिन ऐसा क्यों? ऐसे रेप के आरोपी को अगर जमानत दे दी जाती है, तो हम कैसे सुरक्षित रहेंगे... मेरे चाचा की जमानत खारिज की गई. उन्नाव या लखनऊ से खारिज हो गई. इसके बाद में परिवार, पैरोकार और गवाहों की सुरक्षा हटाई गई. इसके बाद बहस हुई. मैं बहस में बराबर जाती रही. बहस इंग्लिश में हुई. अगर देश में हिंदी में बहस हो, तो जो गरीब महिलाएं हैं, जो लोग हैं, वे सुनकर कोर्ट में अपने कुछ तो सवाल कर सकते हैं. जज साहब से पूछ सकते हैं, जज साहब ऐसा क्यों हो रहा है? लेकिन हमारे साथ में वही हुआ."

कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए पीड़िता ने आगे कहा,

"आज ये हुआ है. कल मेरे बच्चों के साथ होगा. मेरी बेटी के साथ होगा. मेरे बेटे के साथ होगा. अगर किसी ने मार दिया. मेरे बेटे या मेरी के साथ कुछ हुआ तो? मैं तो मां हूं, मैंने तो जो झेलना था, वो झेल लिया, लेकिन बेटी कैसे झेलेगी? बेटा, परिवार कैसे झेलेगा? मुझे न्याय नहीं मिला. मुझे पूरा भरोसा है, आंख बंद करके भरोसा है कि मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा."

उन्नाव की रेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि कुलदीप सेंगर ने जेल से CBI के अहम गवाह पत्रकार वीरेंद्र यादव पर गैंगस्टर एक्ट लगवाया. उन्होंने कहा कि वीरेंद्र को गिरफ्तारी के बाद 50 दिन तक जेल में रखा गया. पीड़िता ने यह भी दावा किया कि वीरेंद्र को करंट लगाने के साथ टॉर्चर किया गया.

इसके अलावा उन्होंने अपने चाचा के जेल में होने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा,

"मेरे चाचा ने क्या किया? मेरे चाचा ने ना किसी बेटी को छेड़ा, ना किसी बेटी के साथ रेप किया, ना किसी बेटी के साथ कुछ किया, ना किसी बहन-बेटी को आंख उठाकर देखा. लेकिन उस इंसान (चाचा) ने क्या गुनाह किया कि उसको 7 साल हो गए, लेकिन जेल से बाहर नहीं निकल पाया. क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर पावरफुल है. BJP की सरकार है, BJP का ही नेता है."

रेप पीड़िता की मां भी कोर्ट के फैसले से काफी निराश हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,

"हमें उम्मीद नहीं, जब दो-दो जजों ने मिलकर जमानत दे दी. मेरे देवर को जेल में रखकर मेरी सिक्योरिटी भी हटा दी. मेरे बच्चों को खतरा है. हम कैसे जिएंगे? कैसे रहेंगे? सब बहन-बेटियों के साथ... ऐसे BJP के विधायक रेप करेंगे, उनको छोड़ दिया जाएगा. हमें तभी भरोसा होगा जब इनकी जमानत खारिज होगी. 9 साल हो गए कोर्ट के चक्कर लगाते. हमें अब तक न्याय नहीं मिला. हमें कब न्याय मिलेगा?"

उन्नाव रेप केस वर्ष 2017 का है. आरोप है कि कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों ने 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था. मामले की जांच CBI ने की थी. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी और मृत्यु तक जेल में रखने का आदेश दिया था. उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

वीडियो: उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक, फिर भी जेल में रहेंगे?

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