अल्पसंख्यकों पर स्विट्जरलैंड ने दी ‘सलाह’ तो भारत ने नस्लवाद, जेनोफोबिया जैसे मुद्दे याद दिलाए
India's Response On Switzerland In UNHRC: Switzerland के आधिकारिक प्रतिनिधि ने भारत से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की थी. भारत ने न सिर्फ स्विट्जरलैंड को सुनाया बल्कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को भी लताड़ा.

UNHRC में स्विट्जरलैंड ने भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के बारे में चिंता जताई थी. इस पर भारत ने स्विट्जरलैंड को खरी-खरी सुनाई है. भारत ने उसके आंतरिक मामलों में दखल देने वाले स्विट्जरलैंड की टिप्पणी को चौंकाने वाला, सतही और गलत जानकारी पर आधारित बताया. भारत ने स्विट्जरलैंड को याद दिलाया कि उन्हें खुद के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.
यह पूरा वाक्या बुधवार 10 सितंबर को जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र के दौरान हुआ. सेशन में मौजूद स्विट्जरलैंड के आधिकारिक प्रतिनिधि ने भारत से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की थी. स्विस प्रतिनिधि ने भारत से मीडिया की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की भी सलाह दी थी. स्विट्जरलैंड UNHRC की अध्यक्षता कर रहा है. ऐसे में उसकी टिप्पणी का कूटनीतिक काफी अहम माना जा रहा है.
वहीं भारत ने भी तत्परता से स्विट्जरलैंड की टिप्पणी का जवाब दिया. UNHRC में भारत का पक्ष रख रहे और जिनेवा में स्थायी मिशन के सलाहकार क्षितिज त्यागी ने स्विट्जरलैंड के बयानों को सिरे से खारिज किया. त्यागी ने कहा,
“हम अपने घनिष्ठ मित्र और साझेदार, स्विट्जरलैंड की ओर से की गई आश्चर्यजनक, सतही और गलत जानकारी पर आधारित टिप्पणियों का भी जवाब देना चाहेंगे.”
उन्होंने आगे कहा,
“चूंकि स्विट्जरलैंड UNHRC की अध्यक्षता कर रहा है, इसलिए उसके लिए यह और भी जरूरी है कि वह परिषद का समय ऐसे झूठे और भारत की वास्तविकता के साथ न्याय न करने वाले बयानों पर बर्बाद करने से बचें. इसके बजाय उसे नस्लवाद, व्यवस्थित भेदभाव और विदेशी-द्वेष जैसी अपनी चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए. भारत इन मुद्दों से निपटने के लिए स्विटजरलैंड की मदद करने को तैयार है.”
त्यागी ने आगे कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे डायवर्स और जीवंत लोकतंत्र है. भारत ने बहुलवाद को सभ्यतागत रूप से अपनाया है.
पाकिस्तान को भी सुनायाइसी दिन भारत ने पाकिस्तान को भी संयुक्त राष्ट्र में कड़ा जवाब दिया. क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह मानवाधिकार परिषद का गलत इस्तेमाल करता है. साथ ही कहा कि वह सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देता है.
उन्होंने कहा,
“हम बार-बार पाकिस्तान के उन बयानों का जवाब देते हैं, जो सिर्फ राजनीति करने के लिए दिए जाते हैं. पाकिस्तान का नेतृत्व आतंकवादियों को शरण देता है और यह भारत के लिए कभी स्वीकार्य नहीं हो सकता.”
उन्होंने पुलवामा, उरी, पठानकोट, मुंबई और हाल के पहलगाम हमलों का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के आतंकवाद पर समर्थन का आरोप लगाया. त्यागी ने काउंसिल को 9/11 हमलों की बरसी की याद भी दिलाई. बताया कि पाकिस्तान ने एबटाबाद में अमेरिकी नेवी सील के छापे में मारे जाने तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी.
उन्होंने दो टूक कहा कि भारत को आतंकवाद के प्रायोजक से कोई सबक नहीं चाहिए. ऐसे देश जो अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता हो वह उपदेश न ही दे तो बेहतर है. भारत को ऐसे देश से किसी तरह की सलाह की जरूरत नहीं है, जिसने अपनी विश्वसनीयता ही खत्म कर ली हो.
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