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रोजगार के मोर्चे पर बहार! भारत में घटी बेरोजगारी दर, आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर

Unemployment Rate in India : नवंबर महीने में जारी किए गए सरकारी आंकड़ों की माने तो भारत में बेरोजगारी दर में कमी आई है. जॉब मार्केट में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के बेहतर हालात के चलते ये गिरावट दर्ज हुई है.

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unemployment rate periodic labour force survey
नवंबर महीने में बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज हुई है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
16 दिसंबर 2025 (Published: 02:07 PM IST)
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लंबे समय से उतार-चढ़ाव देख रहे भारतीय जॉब मार्केट (Indian Job Market) के लिए नवंबर का महीना राहत भरी खबर लेकर आया है. 15 दिसंबर को जारी सरकारी आंकड़ों की मानें तो रोजगार (Employment) के हालात अब ‘गुलाबी’ होने लगे हैं. पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2025 में देश की बेरोजगारी दर 4.7 फीसदी रही. यह पिछले आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर है.

अक्टूबर महीने में बेरोजगारी दर 5.2 प्रतिशत थी. गांवों में रोजगार के बेहतर हालात और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से लेबर मार्केट में सुधार दर्ज हुआ है. ग्रामीण बेरोजगारी की दर घटकर नए निचले स्तर 3.9 प्रतिशत पर आ गई है. वहीं शहरी बेरोजगारी दर भी गिरकर 6.5 प्रतिशत रह गई है. यह इस साल की शुरुआत में दर्ज की गई सबसे न्यूनतम स्तर के बराबर है.

नौकरियों की स्थिति में सुधार के साथ-साथ कामकाजी लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है. 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) नवंबर में बढ़कर 55.8 प्रतिशत पहुंच गया, जो कि अप्रैल के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. इसमें भी बड़ा योगदान ग्रामीण इलाकों का है, जहां लोगों की काम में भागीदारी मजबूती से बनी हुई है. वहीं शहरी क्षेत्रों में LFPR घटकर 50.4 प्रतिशत रह गया. यह पिछले पांच महीने का सबसे निचला स्तर है.

महिलाओं की भागीदारी से संभला जॉब मार्केट

लेबर मार्केट में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी बेरोजगारी दर घटने की सबसे बड़ी वजह है. नवंबर में महिलाओं के लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट  (LFPR) बढ़कर 35.1 प्रतिशत पहुंच गया. इसमें जून के बाद से ही लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यह बढ़ोतरी अधिकतर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला है जबकि शहरों में महिलाओं की भागीदारी लगभग स्थिर रही है. इसके साथ ही पुरुषों और महिलाओं की बेरोजगारी के बीच का अंतर भी कम हुआ है. नवंबर में पुरुषों की बेरोजगारी दर 4.6 प्रतिशत रही, जबकि महिलाओं की बेरोजगारी दर 4.8 प्रतिशत. यानी दोनों के बीच सिर्फ 0.2 प्रतिशत अंक का फर्क रह गया.

युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़े 

नवंबर महीने में युवाओं की बेरोजगारी दर में भी गिरावट दर्ज हुई है. यह अक्टूबर के मुकाबले 14.9 प्रतिशत से घटकर 14.1 प्रतिशत हो गई. इस आंकड़े से संकेत मिलता है कि युवाओं के लिए नौकरी के मौके धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. बेरोजगारी में कमी के ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास की रफ्तार कुछ धीमी रहने की संभावना जताई है. ऐसे में लेबर मार्केट के मजबूत होने से आने वाले समय में आर्थिक सुस्ती के असर को कम करने में मदद मिल सकती है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) से जुड़े आंकड़े जुटाने के लिए  3 लाख 73 हजार 229 लोगों से बात किया. जिसमें 2 लाख 13 हजार 337 लोग ग्रामीण इलाकों से और 1 लाख 59 हजार 892 शहरी इलाकों से थे.

वीडियो: खर्चा पानी: 8 साल में मजदूरों की दिहाड़ी क्यों नहीं बढ़ी? बेरोजगारी के आंकड़े डराते हैं

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