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'उंगली नीचे करिए...', TMC और ECI की मीटिंग में ये क्या हुआ? अभिषेक बनर्जी ने फुटेज रिलीज करने की चुनौती दी

TMC सांसद Abhishek Banerjee का मानना है कि EVM नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट के जरिए चुनाव में गड़बड़ी हो रही है. उन्होंने ECI पर आरोप लगाते हुए कहा कि SIR में सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके लोगों के नाम डिलीट किए जा रहे हैं.

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TMC के सांसद अभिषेक बनर्जी (दाएं) ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (बाएं) को घेरा. (PTI)
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संजय शर्मा
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31 दिसंबर 2025 (Updated: 31 दिसंबर 2025, 08:19 PM IST)
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"आप मनोनीत हो, हम निर्वाचित हैं." तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार से मुखातिब होकर ये बात कही. अभिषेक अपनी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग (ECI) की टीम से मिले थे. इस बीच माहौल गर्मा गया. TMC सांसद का आरोप है कि ज्ञानेश कुमार ने उनके ऊपर ‘उंगली उठाई’, जिस पर उन्होंने CEC से कहा, "उंगली नीचे करके बात कीजिए."

कथित वोट चोरी और वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग लगातार विपक्ष के निशाने पर है. बुधवार, 31 दिसंबर को दिल्ली में TMC का प्रतिनिधिमंडल भी कुछ मुद्दों पर जवाब जानने के लिए CEC ज्ञानेश कुमार के पास गया. इसमें TMC के 10 सांसद और पश्चिम बंगाल सरकार के सीनियर कैबिनेट मंत्री शामिल थे. TMC का दावा है कि चुनाव आयोग ने उनके सवालों का ‘ठीक तरह से जवाब नहीं’ दिया.

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मिलने के बाद अभिषेक बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा,

“हमने आठ से दस मुद्दों पर बात की. मीटिंग दोपहर 12:00 बजे शुरू हुई और ढाई घंटे तक चली. पिछली बार एक महीने पहले 28 नवंबर को हमारी पार्टी के 10 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल यहां आया था. हमने चुनाव आयोग से पांच सवाल पूछे थे, लेकिन हमें उनमें से किसी भी सवाल का एक भी सटीक जवाब नहीं मिला. उसी रात चुनाव आयोग ने चुनिंदा पत्रकारों को जानकारी लीक की और दावा किया कि उन्होंने हर सवाल का जवाब दिया है.

उन्होंने आगे कहा,

"इसके तुरंत बाद मैंने ट्वीट किया कि तृणमूल कांग्रेस के पास डिजिटल सबूत हैं और पिछली बार चुनाव आयोग ने हमारे किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया था... इस बार, दो या तीन बातों को छोड़कर, हमें किसी भी चीज पर कोई साफ जानकारी नहीं मिली. जब मैं उनसे SIR के बारे में पूछता हूं, तो वे बात को नागरिकता पर ले जाते हैं. किसी भी चीज का कोई ठोस जवाब नहीं मिला...”

CEC ज्ञानेश कुमार से बुरी तरह नाराज डायमंड हार्बर सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा,

“उन्हें क्या चीज रोक रही है? क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के लोग उनकी जी-हुजूरी के लिए हैं? क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के लोग और हम सांसद और मंत्री, विधायक या सांसद, जिन्हें लोगों ने लंबी कतारों में खड़े होकर वोट देकर चुना है, क्या वे बंधुआ मजदूर हैं? क्या वे गुलाम हैं? दो-तीन बेसिक सवालों को छोड़कर, वे हमारे उठाए गए किसी भी सही सवाल का जवाब नहीं दे पाए हैं. आप लॉजिकल गड़बड़ी को क्यों नहीं बता पा रहे हैं? BLA-2 (बूथ लेवल एजेंट) को सुनवाई वाली जगहों पर आने से रोकने वाला नोटिफिकेशन जारी करने से आपको कौन रोक रहा है?”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार को बड़ी चुनौती दे डाली. उन्होंने CEC से TMC और चुनाव आयोग की मीटिंग का CCTV फुटेज रिलीज करने की मांग की. 

इंडिया टुडे से जुड़े अमित भारद्वाज और संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, अभिषेक ने कहा,

"अगर मैं झूठ कह रहा हूं, तो मीडिया के सामने CCTV फुटेज रिलीज करिए. भाई, हमारे पास तो कैमरा नहीं था. इलेक्शन कमीशन के यहां हर जगह CCTV है. चेक करके अंदर गए. तो अगर आप सच कह रहे हैं, तो आप पूरे ढाई घंटे की मीटिंग का CCTV फुटेज रिलीज कर दें. लोग देखें कि क्या बात हुई? किसने झूठ बोला, किसने सच बोला?"

उन्होंने यह भी कहा कि ECI सर्वे के लिए लगाई गई एजेंसी के बारे में पूछने पर ECI ने कहा कि उन्हें इसके बारे में नहीं पता है. फिर TMC ने एजेंसियों को काम पर रखने के आदेशों के बारे में ECI को डॉक्यूमेंट्स दिए.

अभिषेक ने दावा किया कि पता समेत अलग-अलग कारणों से लॉजिकल गड़बड़ी के 1.36 करोड़ केस सामने आए, लेकिन इनकी कोई लिस्ट जारी नहीं की गई. उन्होंने यह भी कहा कि ECI ऐप में ‘फ्रॉड’ चल रहा है. अभिषेक ने बताया कि जब आप ECI के लॉजिकल गड़बड़ियों वाले सेक्शन में जाते हैं, तो एक सेक्शन में लिखा होता है- 'फाउंड इनएलिजिबिल', माने ‘अयोग्य पाया गया’.

उन्होंने आरोप लगाया कि दस्तावेज देने के बावजूद वोटर्स को नोटिस मिलते देखे गए हैं. अभिषेक के मुताबिक, चुनाव आयोग ने माना कि ऐप में कोई गड़बड़ी हो सकती है. उन्होंने SIR के तहत बुजुर्गों को सुनवाई पर बुलाए जाने का भी मुद्दा उठाया. अभिषेक ने कहा,

"सुनवाई के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को 4 घंटे तक क्यों बिठाया जाता है? हमने रिक्वेस्ट की है कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग और बीमारियों से ग्रस्त लोगों को फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए बुलाकर परेशान ना किया जाए."

अभिषेक बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार से SIR में पाए गए बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की लिस्ट जारी करने के लिए कहा. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग 58 लाख लोगों की लिस्ट में साफ-साफ बताए कि कौन-कौन अवैध प्रवासी हैं. उन्होंने कहा, "अगर कोई अवैध प्रवासी है, तो हम उसे बाहर निकाल फेंकेंगे."

टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को अवैध प्रवासी और घुसपैठियों के नाम पर बदनाम किया जा रहा है, जबकि SIR में सबसे कम वोट कटे हैं. उन्होंने कहा,

"अन्य 11 राज्यों में भी SIR चल रहा है, लेकिन बंगाल में सबसे कम वोट डिलीट हुए (5.79 फीसदी). फिर भी यहां ज्यादा सख्ती है. कोई अन्य डिक्टेट कर रहा है. आयोग की ऑब्जर्वर टीम भी उसी पर अमल कर रही है."

कांग्रेस की तरह अभिषेक बनर्जी ने भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर वोटर चोरी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,

“BJP ने पिछले चार महीनों में 40 लाख वोटर जोड़े हैं. महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में भी ऐसा ही किया गया. वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की वजह से बंपर वोटिंग हो रही है. इतना मजबूत विपक्ष होने के बावजूद वोट चोरी के जरिए BJP जीत रही है... वोट चोर कौन है? ये सभी जानते हैं. गूगल भी जानता है. सर्च कीजिए वो बता देगा. अगर आयोग सच्चाई पर है तो छिपाता क्यों है?”

अभिषेक ने आरोप लगाया कि SIR के जरिए वोटर लिस्ट में वोट चोरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि AERO की जानकारी के बगैर, बिना फॉर्म 7 भरे लोगों के नाम सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके डिलीट किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आयोग ने इस सवाल भी जवाब नहीं दिया.

TMC का मानना है कि EVM नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट के जरिए चुनाव में गड़बड़ी हो रही है. TMC तमिलनाडु और केरल में समान विचारधाराओं वाली पार्टियों के साथ अपने अनुभव साझा करेगी. पार्टी ने कहा कि लड़ाई मीडिया में नहीं, बल्कि ग्राउंड पर होगी और जनता लड़ेगी.

वीडियो: राजधानी: अमित शाह ने पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले क्या दावा किया?

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