The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Tiger returns to Gujarat after 32 years 5 years old makes local forest home

गुजरात में 32 साल बाद सुनाई देगी बाघ की दहाड़, रतन महल के जंगल में कहां से आया बंगाल टाइगर?

गुजरात में अब तीनों बड़ी कैट्स का राज है. सौराष्ट्र में एशियाटिक लायन, मध्य गुजरात में लेपर्ड्स, और दाहोड़ में ये बाघ. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स इसे रीजनल कॉरिडोर कनेक्टिविटी की जीत बता रहे हैं.

Advertisement
Tiger returns to Gujarat after 32 years 5 years old makes local forest home
फॉरेस्ट टीम्स ने फील्ड सर्वे और फोटो-प्रूफ से कंफर्म किया कि ये कोई गुजरता फकीर नहीं, परमानेंट रेजिडेंट है. (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
प्रशांत सिंह
19 नवंबर 2025 (Published: 09:38 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

गुजरात के घने जंगलों को वो दहाड़ नसीब हो गई जो पिछले तीन दशकों से नहीं सुनी गई थी. 32 साल बाद गुजरात में एक बाघ देखा गया है. जी हां, Royal Bengal Tiger. दाहोड़ जिले के रतन महल वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में एक 5 साल का बाघ पिछले नौ महीनों से डेरा डाले बैठा है. अब उसे स्पॉट किया गया है.

कैमरा ट्रैप्स की तस्वीरें देखकर तो जंगल के अधिकारी भी हैरान हैं. ये बाघ न सिर्फ घूम रहा है, बल्कि यहां अपना घर बना चुका है. इंडिया टुडे से जुड़े बृजेश दोषी की रिपोर्ट के अनुसार 5 साल का ये जवान बाघ मध्य प्रदेश की झाबुआ और कठीवाड़ा बॉर्डर से आया लगता है. वहां बाघों की तादाद बढ़ी है, तो हो सकता है कि ये अपना नया इलाका तलाशते हुए गुजरात पहुंच गया. फॉरेस्ट टीम्स ने फील्ड सर्वे और फोटो-प्रूफ से कंफर्म किया कि ये कोई 'गुजरता फकीर' नहीं, परमानेंट रेजिडेंट है.

वन मंत्री अर्जुन मोधवाड़िया ने इसे 'गर्व का पल' बताया है. उन्होंने कहा,

"गुजरात के विविध इकोसिस्टम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो जटिल वाइल्डलाइफ को सपोर्ट कर सकता है."

अब सोचिए, गुजरात में अब तीनों बड़ी कैट्स का राज है. सौराष्ट्र में एशियाटिक लायन, मध्य गुजरात में लेपर्ड्स और दाहोड़ में ये बाघ. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स इसे रीजनल कॉरिडोर कनेक्टिविटी की जीत बता रहे हैं. मध्य प्रदेश से गुजरात तक का ये गलियारा बाघों के लिए लाइफलाइन बन गया है.

लेकिन खुशी के साथ चिंता भी है. शिकार की उपलब्धता और हैबिटेट सिक्योरिटी पर फोकस जरूरी है. अगर ये कम पड़े तो ये मेहमान फिर कहीं और चला जाएगा. ये घटना कंजर्वेशन की बड़ी जीत है. 

1980s और 2000s में ट्रांजिएंट साइटिंग्स तो हुईं, लेकिन परमानेंट होमिंग पहली बार. क्या ये बाघ गुजरात में नई बाघ जनसंख्या की शुरुआत करेगा? या फिर सिंगल सक्सेस स्टोरी? ये तो समय बताएगा. लेकिन इतना पक्का है कि रतन महल के जंगल अब और सतर्क हो जाएंगे. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने सिक्योरिटी बढ़ा दी है, ताकि ये शाही बिल्ली बेफिक्र रहे.

वीडियो: क्या आपकी जेब में रखा 500 और 2000 का नोट नकली है?

Advertisement

Advertisement

()