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'काम न करने पर पैसे काटे जाएंगे', तमिलनाडु सरकार की SIR के काम में लगे कर्मचारियों को चेतावनी

18 नवंबर को एक दिन के हड़ताल की आशंका देखते हुए, राज्य सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए 'काम नहीं, वेतन नहीं' नियम लागू किया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह आदेश SIR के काम में लगे सभी सरकारी कर्मियों पर लागू होता है, चाहे उनका कैडर कुछ भी हो.

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tamil nadu govt no work no pay to sir workers amid planning strike over sir workload
तमिल नाडु के कर्मचारी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं (PHOTO-India Today)
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मानस राज
18 नवंबर 2025 (Published: 08:04 AM IST)
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चुनाव आयोग ने बिहार के बाद तमाम राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) करवाने का फैसला किया है. इसी कड़ी में दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में भी SIR का काम जारी है. इस पूरी प्रक्रिया में सारा काम सरकारी कर्मचारी ही करते हैं. लेकिन कई कर्मचारी काम की अधिकता का हवाला देकर काम न करने को कह रहे हैं. ऐसे में तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि अगर 18 नवंबर को वो काम पर नहीं आए तो उनके पैसे काटे जाएंगे.

यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब राजस्व विभाग के कर्मचारियों का विरोध बढ़ रहा है. कर्मचारियों ने SIR प्रक्रिया के बहिष्कार की घोषणा की है और कहा है कि उन पर जितना काम का भार है, वो मैनेज करने लायक नहीं है. राजस्व विभाग द्वारा SIR ड्यूटी से दूर रहने के फैसले से राज्य प्रशासन में खलबली मची हुई है. 

दूसरी तरफ कर्मचारियों का तर्क है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट और वेरिफाई करने के लिए महत्वपूर्ण एसआईआर (SIR) का काम, बिना किसी पर्याप्त योजना या तैयारी के उन पर थोप दिया गया है. कर्मचारियों के यूनियन का कहना है कि अधिकारियों पर मौजूदा जिम्मेदारियों के कारण पहले से ही बहुत अधिक दबाव है. SIR ड्यूटी के अतिरिक्त प्रेशर के कारण कई जिलों को इससे निपटने में दिक्कत आ रही है. 

हड़ताल की आशंका से पहले चेतावनी

18 नवंबर को एक दिन के हड़ताल की आशंका देखते हुए, राज्य सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए 'काम नहीं, वेतन नहीं' नियम लागू किया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह आदेश एसआईआर के काम में लगे सभी सरकारी कर्मियों पर लागू होता है, चाहे उनका कैडर कुछ भी हो. उन्होंने जिला प्रशासन से कर्मचारियों की पूरी अटेंडेंस सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. सभी संबंधित डिपार्टमेंट्स को निर्देश दिया गया है कि अगर कर्मचारी SIR ड्यूटी का बहिष्कार करते हैं, तो ऐसी स्थिति में आकस्मिक उपाय तैयार रखे जाएं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चुनावों से पहले समय-सीमा के अंदर काम पूरा करने के लिए SIR कार्यक्रम को पहले ही छोटा कर दिया गया है. अधिकारियों को डर है कि किसी भी व्यवधान से कई इलाकों में सत्यापन अभियान धीमा पड़ सकता है. इसका असर वहां भी हो सकता है जहां फील्ड टीमें पहले से ही एक्सट्रा काम कर रही हैं. इस बीच, चुनाव अधिकारी भी इस स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. 

वीडियो: SIR के डर से पश्चिम बंगाल में किसान ने जान देने की कोशिश, ममता बनर्जी ने बीजेपी पर किया पलटवार

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