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तमिलनाडु के बजट से हटाया गया ₹ सिंबल, भाषा विवाद के बीच सीएम स्टालिन का एलान

तमिलनाडु में काफी समय से हिंदी भाषा को लेकर विवाद चल रहा है. मुख्यमंत्री MK Stalin कई बार केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगा चुके हैं.

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tamil nadu cm mk stalin replaces rupees symbol in budget with tamil script letter amid language war hindi and tamil
तमिलनाडु में काफी दिनों से भाषा विवाद जारी है (PHOTO-India Today/X-K Annamalai)
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मानस राज
13 मार्च 2025 (Updated: 13 मार्च 2025, 04:49 PM IST)
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हिंदी और तमिल के भाषा विवाद के बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (MK Stalin) ने एक बड़ा कदम उठाया है. सीएम स्टालिन ने राज्य में रुपये के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल होने वाले आधिकारिक सिंबल ₹ की जगह तमिल लिपि के ரூ का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. पूरे देश में ₹ को भारतीय करेंसी रुपये के आधिकारिक सिंबल के तौर पर मान्यता प्राप्त है, लेकिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य में तमिल को बढ़ावा देने और भाषा बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है. उन्होंने तमिल लिपि के अक्षर "ரூ" को चुना है, जिसका अर्थ 'रु' है.

देश में अब तक इस्तेमाल हो रहे रुपये के सिंबल को डी. उदय कुमार ने डिजाइन किया था. डी. उदय कुमार का दावा है कि उनका यह डिजाइन भारत के तिरंगे पर आधारित है. डी. उदय कुमार के पिता एन. धर्मलिंगम एम.के. स्टालिन की पार्टी डीएमके (DMK) से विधायक रह चुके हैं. तमिलनाडु के सीएम का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच भाषा को लेकर टकराव बढ़ रहा है.

तमिलनाडु के सीएम ने एक्स (X) पर एक पोस्ट में लिखा:

अखंड हिंदी की पहचान के कारण सारी प्राचीन भाषाएँ खत्म हो रही हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश कभी हिंदी के इलाके नहीं रहे, लेकिन उनकी असली भाषाएँ अब बस भूतपूर्व बनकर रह गई हैं.

इससे पहले सीएम स्टालिन ने अन्य राज्यों के लोगों से की गई एक अपील में कहा था:

दूसरे राज्यों में रहने वाले मेरे भाइयों और बहनों, क्या आपने कभी इस बारे में विचार किया है कि हिंदी भाषा ने न जाने कितनी दूसरी भाषाओं को लील लिया है? मुंडारी, मारवाड़ी, कुरुख, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, कुरमाली, खोरठा, मैथिली, अवधी, भोजपुरी, ब्रज, कुमाऊँनी, गढ़वाली, बुंदेली और कई अन्य भाषाएँ अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं.

मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद, तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई ने भी पलटवार किया है. एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा:

डीएमके सरकार 2025-26 के राज्य बजट में उस रुपये के प्रतीक चिह्न की जगह लेगी, जिसे एक तमिल व्यक्ति ने डिजाइन किया था और जिसे पूरे भारत ने अपनाया और अपनी मुद्रा में शामिल किया. इस प्रतीक चिह्न को डिजाइन करने वाले थिरु उदय कुमार डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं. आप (स्टालिन) कितने मूर्ख हो सकते हैं, थिरु?

NEP को लेकर तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है. तमिलनाडु सरकार ने NEP 2020 के तहत तीन-भाषा नीति को लागू करने से इनकार कर दिया है. दूसरी तरफ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मोर्चा संभाल रखा है.

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