गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में कैमरा लगाकर छात्राओं को फोन पर देखता था चैतन्यानंद, पुलिस का खुलासा
Delhi Police ने कोर्ट में कहा कि आरोपी Swami Chaitanyananda Saraswati ने गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में कैमरे लगाए, जो उसके फोन से कनेक्ट थे. पुलिस ने दावा किया कि बाबा छात्राओं के बाथरूम में जाते ही उनके वीडियो देखता था.

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने रविवार, 28 सितंबर को यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद पर कई चौंकाने वाले खुलासे किए. पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी बाबा पर गंभीर यौन शोषण के आरोप हैं. जांच के दौरान करीब 16 छात्राओं ने सामने आकर कहा है कि उनके साथ यौन शोषण हुआ है. आरोप है कि बाबा ने गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में सीक्रेट तरीके से कैमरे लगाए गए थे.
आजतक से जुड़ीं श्रेया चटर्जी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बताया कि ये सारे कैमरे सीधे बाबा के मोबाइल फोन से जुड़े हुए थे. पुलिस ने दावा किया कि बाबा छात्राओं के बाथरूम में जाते ही उनके वीडियो देखता था. पुलिस ने कहा कि बाबा की नजर खासकर नई और युवा छात्राओं पर रहती थी.
पुलिस के मुताबिक, पहले बाबा छात्राओं को अपने जाल में फंसाता और फिर उनके साथ रेप करता. आरोप है कि इस पूरे खेल में उसके करीबी साथी भी शामिल थे. पुलिस ने बताया कि उसने पूरे संस्थान पर कब्जा कर रखा था और अहम पदों पर अपने लोगों को बैठा दिया था.
बाबा की पांच दिन की पुलिस कस्टडी
कोर्ट ने बाबा को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया. हालांकि, पुलिस ने इससे ज्यादा दिन की कस्टडी मांगी थी. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बाबा पिछले दो महीने से फरार था. पुलिस ने आरोप लगाया कि बाबा ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और शिकायत करने वाली छात्राओं को धमकाया भी. पुलिस का कहना है कि जांच के लिए उसे दिल्ली, उत्तराखंड और हरियाणा समेत कई जगह ले जाना जरूरी है.
16 लड़कियों के बयान दर्ज
कोर्ट में आरोपी के वकील ने दलील दी कि 16 लड़कियों के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं और बाबा का अब उनसे कोई संपर्क नहीं है. वकील ने कहा कि बाबा का संस्थान की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है और पुलिस को उससे और कुछ हासिल नहीं होगा. वकील ने यह भी कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और जरूरी सामान पुलिस पहले ही जब्त कर चुकी है, इसलिए कस्टडी की जरूरत नहीं है.
डिजिटल डेटा डिलीट करने का आरोप
बाबा के वकील ने यह भी कहा कि आरोपी बुजुर्ग है, डायबिटीज का मरीज है और उसे सही दवाइयां नहीं मिल रही हैं. उन्होंने कहा,
"वे एक साधु हैं, उनके कपड़े जबरन उतरवाए गए हैं और उन्हें अपनी साधना करने से रोका जा रहा है."
इस पर दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया कि सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त कर लेना काफी नहीं है, क्योंकि आरोपी ने बहुत सारा डिजिटल डेटा डिलीट कर दिया है.
पुलिस ने कहा कि पासवर्ड और बाकी अहम जानकारी केवल उससे पूछताछ करके ही मिल सकती है. इसलिए कस्टडी जरूरी है. पुलिस का कहना है कि डिजिटल मैसेज और डेटा डिलीट करने की सच्चाई जानना बहुत जरूरी है. बाबा के वकील ने यह भी तर्क दिया कि पुलिस के पास पहले से ही 40 CCTV कैमरों की फुटेज है और सबूत वहीं से मिल जाएंगे.
लेकिन पुलिस ने कोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मामला केवल फुटेज तक सीमित नहीं है. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने जिस तरीके से हॉस्टल की लड़कियों की प्राइवेसी को तोड़ा है, हॉस्टल के बाथरूम में कैमरे लगाए, जिनका वीडियो स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती देखता था और फिर छात्राओं को अपना शिकार बनाता था, वे बेहद गंभीर अपराध है.
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