निठारी केस: सुरिंदर कोली की रिहाई पर भड़के पीड़ित मां-बाप, बोले- 'हमारे बच्चों को भूत खा गया?'
Nithari Case Supreme Court: CJI बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने केस की सुनवाई की. बेंच ने कोली की दोषसिद्धि को पलटते हुए निर्देश दिया कि अगर वो किसी अन्य मामले में वॉन्टेड नहीं है, तो उसे रिहा कर दिया जाए.

निठारी कांड वाला सुरिंदर कोली 12 नवंबर की शाम को जेल से बाहर आ गया. सुप्रीम कोर्ट ने ‘सबूतों के अभाव’ में उसके खिलाफ चल रहे आखिरी केस में भी उसे बरी कर दिया था. बुधवार को कोली नोएडा की जेल से रिहा कर दिया गया. इससे पहले पीड़ित बच्चों के माता-पिता ने कोर्ट के फैसले पर दुख जताया. उन्होंने पूछा है कि क्या उस घर में कोई भूत था, जो सारे बच्चे खा गया.
हालिया मामला एक नाबालिग के रेप और हत्या का था. लड़की के पिता अब 63 साल के और मां 60 साल की हैं. उनके लिए ये फैसला पुराने जख्मों को कुरेदने जैसा है. पीड़िता की मां ने ANI से बात करते हुए कहा,
मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली ने कितने ही बच्चों को मार डाला. लेकिन केस में कुछ नहीं हो रहा… अब दोषी कौन है? उस घर में कोई भूत है क्या, जिसने सारे बच्चों को मार डाला? सीबीआई और पुलिस ने मामले को लीप दिया, ऐसा अंधा कानून, हमने नहीं देखा. किडनी-गुर्दा मारकर बेच दिया और कहते हैं कि वो निर्दोष हैं. कानून उन्हें छोड़ रहा है, ऊपर वाला नहीं…
पीड़िता पिता ने सवाल पूछा कि अगर मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली ने नहीं, तो हमारे बच्चों को किसने मारा. उन्होंने ANI से कहा,
मामला क्या है?जब मोनिंदर सिंह पंधेर को बरी किया गया तो हमें बहुत दुख हुआ... उसने पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. अगर सुरेंद्र कोली इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, अगर मोनिंदर इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, तो उन्हें इतने सालों तक जेल में क्यों रखा गया? उस स्थिति में, जिन्होंने उसे जेल में डाला, उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए. अगर वे अपराधी नहीं हैं, तो कौन है?
19 साल पहले नोएडा के इस चर्चित सीरियल मर्डर केस ने सबको हिला कर रख दिया था. मामला नोएडा के निठारी गांव का है. इसका खुलासा तब हुआ, जब एक व्यक्ति ने अपनी बेटी के गायब होने की शिकायत पुलिस में की थी. बिजनेसमैन मोनिंदर सिंह पंढेर के घर में वो लड़की काम करती थी. मोनिंदर नोएडा सेक्टर-31 के बंगले D-5 में रहता था.
शिकायत के बाद दिसंबर 2006 में पुलिस ने जांच शुरू की. इस दौरान उन्हें मोनिंदर के फ्लैट के आसपास नालों में 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे. पुलिस ने पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया. बाद में दोनों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए. इन्हीं में से एक ये मामला अलग-अलग अदालतों के बाद, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने केस की सुनवाई की. बेंच ने कोली की दोषसिद्धि को पलटते हुए निर्देश दिया कि अगर वो किसी अन्य मामले में वॉन्टेड नहीं है, तो उसे रिहा कर दिया जाए.
वीडियो: 'पायलट को दोष नहीं दिया जा सकता...', एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


