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कोविड ड्यूटी में जान गंवाने वाले प्राइवेट डॉक्टर्स के परिवार बीमा के हकदार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोविड-19 में काम करने के दौरान जिन डॉक्टर्स की मौत हुई है. उनका परिवार 50 लाख के बीमा कवरेज का हकदार है.

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कोविड-19 के दौरान कई डॉक्टर्स ने अपनी जान गंवाई थी. (फोटो-इंडिया टुडे)
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रितिका
11 दिसंबर 2025 (Published: 11:48 PM IST)
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‘कोविड-19 के दौरान ड्यूटी पर मौजूद जिन प्राइवेट डॉक्टर्स की मौत हुई. उनके परिवार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत 50 लाख रुपये के बीमा के हकदार है.’ सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को एक सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. कोर्ट ने आगे कहा कि महामारी से जुड़े कानून और रेगुलेशन इसलिए लागू किए गए थे, ताकि डॉक्टर्स की सेवाएं लेने में कोई कसर न रह जाए. और बीमा योजना इसलिए बनाई गई थी ताकि डॉक्टर्स और हेल्थ प्रोफेशनल को भरोसा दिलाया जा सके कि देश उनके साथ खड़ा है.

इस आदेश के साथ ही न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसले बदला दिया. उस फैसले में कहा गया था कि प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर सरकारी बीमा योजना के तहत मिलने वाले कवरेज के हकदार नहीं हैं. कोर्ट ने कहा,

“डॉक्टरों की सेवाओं की जरूरत थी और यह एक्ट के प्रावधानों, महाराष्ट्र रोकथाम और नियंत्रण COVID-19 रेगुलेशन 2020, नवी मुंबई नगर निगम के 31 मार्च, 2020 के आदेश, PMGKY-पैकेज योजना, PMGKY पॉलिसी के बारे में जानकारी देने वाले कम्युनिकेशन और जारी किए गए FAQs को एक साथ पढ़ने से साफ है.”

कोर्ट ने कहा कि बीमा योजना का काम फ्रंटलाइन में काम कर रहे डॉक्टर्स और हेल्थ प्रोफेशनल को आश्वस्त करना था कि देश उनके साथ खड़ा है. आगे पीठ ने कहा,

"PMGKY पैकेज के तहत किए गए व्यक्तिगत बीमा दावों पर कानून और एविडेंस के आधार पर विचार करके निर्णय लिया जाएगा. लेकिन दावेदार को यह साबित करना होगा कि मृतक की मृत्यु कोविड-19 ड्यूटी के दौरान हुई थी."

बॉम्बे कोर्ट का फैसला बदला

9 मार्च 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि प्राइवेट हॉस्पिटल के कर्मचारी बीमा योजना का लाभ पाने हकदार नहीं हैं. जब तक कि उनकी सेवाओं की मांग राज्य या केंद्र सरकार ने ना ली हो. बीमा कवरेज से जुड़ी ये याचिक किरण भास्कर सुरगड़े नामक एक महिला ने हाई कोर्ट में दायर की थी. उनके पति का 2020 में कोविड-19 के कारण निधन हो गया था. उनके पति ठाणे में एक प्राइवेट क्लिनिक चलाते थे. 

जब उन्होंने बीमा के लिए अप्लाई किया तो इंश्योरेंस कंपनी ने PMGKP के तहत उनके दावे खारिज कर दिया. कंपनी का कहना था कि उनके पति के क्लिनिक को कोविड-19 अस्पताल के रूप में मान्यता नहीं मिली थी. जिसके बाद मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. और कोर्ट ने कहा कि सभी डॉक्टर्स और हेल्थ प्रोफेशनल इस बीमा कवरेज के हकदार है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा 2020 में की गई थी और तब से इसका कवरेज बढ़ाया जा चुका है. इसे हेल्थ प्रोफेशनल को सेफ्टी देने के लिए लाया गया था. ताकि कोविड-19 की वजह से उन्हें परेशानी हुई, तो परिवार की देखभाल की जा सके. PMGKP के तहत स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा क्लेम दिया जाता है. 

 

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