'जबान से लगी चोट नहीं भरती’, शर्मिष्ठा पलोनी पर FIR कराने वाले वजाहत को SC ने खूब सुनाया
जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि इस तरह के नफरत भरे भाषण, समाज को कहीं नहीं ले जाते. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ शारीरिक हिंसा नहीं, बल्कि मौखिक हिंसा भी गंभीर मानी जानी चाहिए.
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