येदियुरप्पा के खिलाफ POCSO केस की सुनवाई चल रही थी, सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी
भारत के चीफ जस्टिस (CJI) जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने येदियुरप्पा की याचिका पर सुनवाई की. पूर्व सीएम ने कर्नाटक हाई कोर्ट के 13 नवंबर के आदेश के खिलाफ यह याचिका दाखिल की थी. इस आदेश में हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज केस खत्म करने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत दी है. मंगलवार, 2 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने BJP के सीनियर नेता के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत दर्ज केस में निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी.
भारत के चीफ जस्टिस (CJI) जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने येदियुरप्पा की याचिका पर सुनवाई की. पूर्व सीएम ने कर्नाटक हाई कोर्ट के 13 नवंबर के आदेश के खिलाफ यह याचिका दाखिल की थी. इस आदेश में हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज केस खत्म करने से इनकार कर दिया था.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को भी नोटिस जारी किया है. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई आगे बढ़ा दी है. कोर्ट ने कहा, "नोटिस जारी करें. इस बीच ट्रायल की कार्यवाही पर रोक रहेगी."
इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, येदियुरप्पा के वकीलों ने फास्ट ट्रैक कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बारे में बता भी दिया है. इस पर जज ने उनसे ऑर्डर से संबंधी दस्तावेजी सबूत मांगे. इस पर वकीलों ने निचली अदालत से कहा कि उन्हें अभी केवल जानकारी मिली है और वे जल्द ही दस्तावेज जमा कर देंगे.
82 साल के येदियुरप्पा के खिलाफ एक 17 साल की लड़की की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक, बीते साल फरवरी में येदियुरप्पा ने अपने बेंगलुरु आवास पर महिला की नाबालिग बेटी के साथ ‘यौन उत्पीड़न’ किया था. 14 मार्च, 2024 को सदाशिवनगर थाने में केस दर्ज किया गया.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में यह मामला CID के पास चला गया, जिसने फिर से FIR दर्ज की. CID ने POCSO एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
बीएस येदियुरप्पा राहत पाने कर्नाटक हाई कोर्ट गए. 7 फरवरी के अपने आदेश में हाई कोर्ट ने अपराधों का संज्ञान लेने वाले ट्रायल ऑर्डर को रद्द कर दिया था. हाई कोर्ट ने यह कहते हुए मामला वापस ट्रायल कोर्ट को भेज दिया था कि जांच और फाइनल रिपोर्ट वैसी ही रहेगी.
ट्रायल कोर्ट (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) ने 28 फरवरी को नए सिरे से मामले का संज्ञान लेते हुए एक नया आदेश दिया. इसमें कोर्ट ने येदियुरप्पा और दूसरों को 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया. येदियुरप्पा ने नए संज्ञान आदेश को चुनौती देते हुए फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने अपने खिलाफ संज्ञान आदेश और POCSO केस को रद्द करने की मांग की.
हालांकि, हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने इसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अब सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ ट्रायल की सुनवाई पर रोक लगाने का फैसला किया है. BJP के सीनियर नेता बीएस येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है.
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