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यौन उत्पीड़न का केस था, सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और आरोपी को समझौता करने को क्यों कह दिया?

Supreme Court ने यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी CEO वेणु गोपालकृष्णन की गिरफ्तारी पर अगली तारीख तक के लिए अंतरिम राहत दी है. गोपालकृष्णन, केरल के कोच्चि की लिटमस 7 सिस्टम्स कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के CEO हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित और आरोपी को मीडिएशन सेंटर भेजा. (PTI)
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मौ. जिशान
6 दिसंबर 2025 (Published: 09:39 PM IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कथित यौन उत्पीड़न की पीड़िता और आरोपी को समझौते के लिए मध्यस्थता करने का निर्देश दिया. पीड़िता का आरोप है कि जिस कंपनी में वो काम करती थी, उसके चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) वेणु गोपालकृष्णन ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. इससे पहले CEO ने 10 रुपये करोड़ की जबरन वसूली का केस दर्ज कराया था, जिसमें पीड़िता और उसके पति को गिरफ्तार किया गया था.

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने यह मामला सर्वोच्च न्यायालय मध्यस्थता केंद्र में रेफर कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 को कोर्ट ने दोनों पार्टियों को 7 जनवरी 2026 को सुबह 11:30 बजे हाजिर होने का निर्देश दिया. बेंच की तरफ से खुद मध्यस्थता केंद्र जाकर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहने का विकल्प दिया गया है.

सभी पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद बेंच ने आदेश दिया,

"इस केस के फैक्ट्स को देखते हुए, हम पाते हैं कि सभी पार्टियों के हित में एक समझौता होना चाहिए, इसलिए हम इस मामले को टाल स्थगित कर रहे हैं. पार्टियों के बीच समझौते की संभावना तलाशने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर को भेजा जाता है. पार्टियों को 7 जनवरी 2026 को या तो खुद आकर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11.30 बजे सेंटर के सामने पेश होने का निर्देश दिया जाता है."

इस मामले में अगली सुनवाई 2 फरवरी 2026 को होगी. बेंच ने इस दिन मीडिएटर की रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने वेणु गोपालकृष्णन की गिरफ्तारी पर अगली तारीख तक के लिए अंतरिम राहत दी है. गोपालकृष्णन, केरल के कोच्चि की लिटमस 7 सिस्टम्स कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के CEO हैं.

इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने उन्हें यौन उत्पीड़न मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. 26 सितंबर 2025 को सर्वोच्च अदालत ने अंतरिम तौर पर उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई ना करने का आदेश दिया.

यौन उत्पीड़न मामले में CEO वेणु गोपालकृष्णन के अलावा तीन अन्य और आरोपी हैं. वेणु के मुताबिक, इस साल 23 जुलाई को महिला ने समझौते के लिए उनकी कंपनी के तीन कर्मचारियों को कोच्चि के एक होटल आने के लिए कहा. उनका आरोप है कि होटल में महिला और उसके पति ने उनसे मामला सेटल करने के नाम पर 30 करोड़ रुपये मांगे.

वेणु ने दावा किया कि कपल ने लिखित में भरोसा देने और महिला के बैंक अकाउंट में 10 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने और बाकी रकम के दो चेक से देने को कहा. रिपोर्ट के मुताबिक, 28 जुलाई को वेणु ने महिला के बैंक अकाउंट में 50,000 रुपये ट्रांसफर किए. अगले दिन जबरन वसूली के मामले में कपल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, महिला का आरोप है कि जब वो CEO के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली थी, तो कंपनी के तीन लोगों ने उनसे समझौते के लिए कहा. महिला ने दावा किया कि उन्हें बताया गया कि वेणु माफी मांगने को तैयार है और 29 जुलाई को होटल में बुलाया, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

50,000 रुपये अकाउंट में आने पर महिला ने सफाई दी. पीड़ित महिला ने कहा कि वेणु ने यह पैसा बिना उन्हें बताए उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. महिला ने शिकायत में यौन उत्पीड़न की पूरी जानकारी बताई है.

वीडियो: हरियाणा के साइको किलर वाले मामले में पुलिस की जांच में क्या पता चला?

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