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हजरतबल दरगाह के शिलालेख पर बने अशोक चिह्न को पत्थर से तोड़ा, बोले- 'ये इस्लाम के खिलाफ'

Dargah Hazratbal Ashoka Emblem: राज्य मंत्री और सीनियर BJP नेता डॉ. दरख्शां अंद्राबी जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष हैं. इस संगमरमर पत्थर का उद्घाटन गुरुवार, 4 सितंबर को अंद्राबी ने ही किया था. उन्होंने इसे लेकर क्या कहा?

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Dargah Hazratbal Ashoka Emblem
हजरतबल दरगाह में अशोक चिन्ह वाला संगमरमर पत्थर लगाए जाने पर विवाद. (फोटो- ANI/सोशल मीडिया)
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हरीश
5 सितंबर 2025 (Updated: 5 सितंबर 2025, 10:25 PM IST)
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श्रीनगर की हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न वाला संगमरमर पत्थर लगाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने दरगाह पहुंचकर संगमरमर पत्थर से अशोक चिह्न को तोड़कर गिरा दिया. उनका कहना है कि ये 'इस्लाम में मूर्ति पूजा की सख्त मनाही' के सिद्धांत के खिलाफ है. घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.

हाल ही में वक्फ बोर्ड ने हजरतबल दरगाह के अंदर जीर्णोद्धार के बाद एक संगमरमर का पत्थर लगवाया था. लेकिन कई मुस्लिमों ने इस कदम पर नाराजगी दिखाई. वे इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने दरगाह पहुंच गए. बाद में इन लोगों ने अशोक चिह्न वाले हिस्से को तोड़ दिया.

राज्य मंत्री और सीनियर BJP नेता डॉ. दरख्शां अंद्राबी जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष हैं. इस संगमरमर पत्थर का उद्घाटन गुरुवार, 4 सितंबर को अंद्राबी ने ही किया था. कई लोगों ने अंद्राबी और उनके अधीन काम करने वाले मौलवियों की आलोचना की है. उन पर जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के प्रति 'असंवेदनशील' होने का आरोप लगाया.

घटना के बाद डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे लेकर दुख जताया. उन्होंने कहा कि ये संगमरमर के पत्थर पर हमला नहीं है. बल्कि हजरतबल के दिल पर हमला है. अंद्राबी ने आगे कहा,

ये नेताओं द्वारा भेजे गए गुंडे हैं, जिन्हें अपने बिना आस्था का उत्सव बर्दाश्त नहीं. इन्हें ढूंढो, इन पर PSA लगाओ और FIR करो. अगर FIR दर्ज नहीं हुई, तो मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगी.

इससे पहले, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) पार्टी के नेता तनवीर सादिक ने अशोक चिह्न लगाए जाने पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने इसे ‘तौहीद की मूल इस्लामी मान्यता के विपरीत’ बताया. उन्होंने इसे लेकर X पर लिखा,

मैं कोई धार्मिक विद्वान नहीं हूं. फिर भी इस्लाम मूर्ति पूजा की सख्त मनाही करता है और इसे सबसे बड़ा पाप बताता है. हमारे ईमान की बुनियाद तौहीद है.

तनवीर सादिक का तर्क है कि दरगाह के अंदर अशोक चिह्न (एक मूर्ति के रूप में) इसी सिद्धांत के खिलाफ है.

वीडियो: वक्फ एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में जानबूझकर कराई गई हिंसा? स्टिंग ऑपरेशन में क्या पता चल गया?

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