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'मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया', 'G RAM G' बिल पर सोनिया गांधी का पहला बयान

सोनिया गांधी ने 'G RAM G' बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए कहा कि मनरेगा पर मोदी सरकार ने बुलडोजर चला दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ लड़ेगी.

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sonia gandhi narendra modi
वीबी जी राम जी बिल को लेकर सोनिया गांधी (बायें) ने मोदी (दायें) सरकार पर निशाना साधा है. (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
20 दिसंबर 2025 (Published: 10:32 PM IST)
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मनरेगा को 'अपदस्थ' कर ग्रामीण रोजगार की गारंटी देने वाली मोदी सरकार की नई योजना 'VB-G RAM G' पर सोनिया गांधी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीते 11 साल में मोदी सरकार ने मनरेगा को कमजोर करने की पूरी कोशिश की और अब इस पर बुलडोजर चला दिया. अब किसको, कहां और कैसे रोजगार मिलेगा ये दिल्ली में बैठी सरकार तय करेगी. सोनिया ने कहा कि मनरेगा का मामला किसी पार्टी से जुड़ा नहीं था. यह देशहित और जनहित से जुड़ी योजना थी. इसे कमजोर कर देश के श्रमिकों, भूमिहीन किसानों और गरीबों के हितों पर हमला किया गया है. 

नई योजना को 'काला कानून' बताते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वह इसके खिलाफ लड़ेंगी. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 दिसंबर शनिवार को एक वीडियो जारी कर ये बातें कही हैं. उन्होंने कहा, 

मुझे आज भी याद है कि 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे. तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था. यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला. खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अति गरीब वर्ग के लोगों की रोजी-रोटी का जरिया बना. रोजगार के लिए अपनी माटी, अपना गांव, अपना घर, परिवार छोड़ कर पलायन करने पर रोक लगी. रोजगार का कानूनी हक दिया गया. साथ ही ग्राम पंचायतों को ताकत भी मिली. 

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मनरेगा के जरिए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों के भारत की ओर एक ठोस कदम उठाया गया लेकिन पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार, गरीबों और वंचितों के हितों को नजरअंदाज कर मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश की. जबकि कोविड के वक्त ये योजना गरीब वर्ग के लिए संजीवनी साबित हुई थी. सोनिया ने कहा,

बहुत अफसोस की बात है कि अभी हाल में सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया. न सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया गया बल्कि मनरेगा का ‘रूप-स्वरूप’ बिना विचार विमर्श किए, बिना किसी से सलाह-मशविरा किए, बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनमाने ढंग से बदल दिया गया. अब किसको, कितना, कहां और किस तरह रोजगार मिलेगा, ये जमीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठकर सरकार तय करेगी. 

सोनिया ने कहा कि मनरेगा को लाने और लागू करने में कांग्रेस का बड़ा योगदान था लेकिन यह पार्टी से जुड़ा मामला कभी नहीं था. यह देशहित और जनहित से जुड़ी योजना थी. मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि वह इस हमले का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और इस ‘काले कानून’ के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

लोकसभा में पास हो गया वीबी जी राम जी बिल

बता दें कि 18 दिसंबर 2025 को लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद ‘वीबी- जी राम जी’ यानी विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल ध्वनिमत से पारित हो गया. यह बिल पुराने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून की जगह लेगा, जिसे 2005 में लाया गया था. पुराने कानून के 100 की रोजगार गारंटी के बजाय नए बिल में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है. पुराने कानून में योजना का सारा बजट केंद्र सरकार देती थी. लेकिन नए कानून में बजट का बंटवारा राज्यों के साथ होगा.      

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