The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Sonam Wangchuk Pakistan link pakitstani intelligence officer ladakh dgp SD Singh Jamwal bangladesh

लद्दाख के DGP का गंभीर आरोप- 'पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में थे सोनम वांगचुक'

Ladakh DGP ने आरोप लगाया कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठने वाले Sonam Wangchuk पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में गए थे.

Advertisement
Ladakh DGP, Ladakh, DGP, Ladakh DGP SD Singh Jamwal, Sonam Wangchuk
लद्दाख DGP एसडी सिंह जामवाल (बाएं) ने सोनम वांगचुक (दाएं) पर गंभीर आरोप लगाए. (India Today)
pic
मौ. जिशान
27 सितंबर 2025 (Updated: 27 सितंबर 2025, 06:26 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

लद्दाख के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) डॉ. एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार, 27 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठने वाले सोनम वांगचुक पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में गए थे. उन्होंने कहा कि पुलिस के पास उनकी विदेश यात्रा से जुड़ी जानकारियां हैं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, DGP डॉ. एसडी सिंह जामवाल ने यह भी कहा कि पुलिस ने एक पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ऑफिसर (PIO) को गिरफ्तार किया है, जो सोनम वांगचुक से संपर्क में था. लद्दाख DGP ने बताया कि गिरफ्तार पाकिस्तानी अधिकारी सोनम वांगचुक के बारे में रिपोर्टिंग कर रहा था.

DGP एसडी सिंह जामवाल ने मीडिया के सामने खुलासा करते हुए कहा,

"हमने एक पाकिस्तान PIO (इंटेलिजेंस ऑफिसर) भी पकड़ा था, जो इनके (सोनम वांगचुक) साथ इनकी रिपोर्टिंग करके बाहर भेज रहा था. उसके भी हमारे पास रिकॉर्ड हैं. हमारे पास इनकी जो विजिट्स हैं, जैसे पाकिस्तान में डॉन (पाकिस्तानी अखबार) का इवेंट इन्होंने वहां पर जाकर किया. उसके बाद बांग्लादेश में. इनके ऊपर एक बहुत बड़ा सवालिया निशान है. अलग-अलग एजेंसियां, जिनका ये काम है, वे पहले से जांच कर रही हैं और एक्शन लेंगी."

DGP ने आरोप लगाया कि इन सभी गतिविधियों से सोनम वांगचुक के ऊपर एक बड़ा सवालिया निशान है. इसके अलावा जामवाल ने यह भी आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक ने 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा को भड़काया था. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हो गए.

जामवाल के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ऑफिस और कुछ गाड़ियों को आग लगाई थी. गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि वांगचुक ने भड़काऊ बयान दिए थे, जिनसे लोगों में गुस्सा बढ़ा और इस हिंसा को बढ़ावा मिला.

DGP ने यह भी कहा कि वांगचुक ने अपनी बयानबाजी में 'अरब स्प्रिंग' और 'नेपाल के जेनजी प्रोटेस्ट' का जिक्र किया था, जिससे लोगों को उकसाया गया. उन्होंने बताया कि हिंसा वाले दिन जिन घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया उनमें करीब तीन नेपाली नागरिक थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार, 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया. उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार, 25 सितंबर को वांगचुक की संस्था 'स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख' (SECMOL) का फॉरेन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट लाइसेंस (FCRA Licence) भी रद्द कर दिया. इस संगठन पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है.

वीडियो: नेतानगरी: नीतीश के किन 3 मंत्रियों की पोल खोलने वाले हैं प्रशांत किशोर, बिहार में किसका बिगड़ेगा खेल?

Advertisement

Advertisement

()