SIR के दौरान मरने वाले एक-एक BLO की कहानी
BLO Deaths SIR 'Workload': कहा जा रहा है कि इन कर्मचारियों पर काम का दबाव बहुत ज्यादा है. इतना कि तनाव में कुछ BLO ने या तो आत्महत्या कर ली, या उन्हें दिल का दौरा पड़ गया.

देश के 12 अलग-अलग राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) चल रहा है. ग्राउंड लेवल पर इस प्रोसेस की बड़ी जिम्मेदारी बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को सौंपी गई है. लेकिन कहा जा रहा है कि इन कर्मचारियों पर काम का दबाव बहुत ज्यादा है. इतना कि तनाव में कुछ BLO ने या तो आत्महत्या कर ली, या उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. इस क्रम में गुजरात के सोमनाथ जिले में एक टीचर की ‘आत्महत्या’ के बाद, ऐसे मामलों की संख्या सात हो गई है.
इन सात BLOs की हुई मौत-1. गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में एक टीचर अरविंद वाढ़ेर ने 20 नवंबर को कथित तौर पर सुसाइड कर लिया. वो कोडिनार तालुका के छारा गांव में BLO के तौर पर SIR का काम देख रहे थे. कथित तौर पर उन्होंने आत्महत्या से पहले SIR के काम से परेशान होने का जिक्र किया था. इस घटना के बाद, अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ की गुजरात शाखा ने SIR के तहत कराई जा रही ऑनलाइन प्रक्रिया का बहिष्कार किया है.
2. इससे पहले, गुजरात के ही खेड़ा जिले में 19 नवंबर की देर रात एक BLO की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतक की पहचान कपड़वंज के नवापुरा प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल रमेशभाई परमार के रूप में हुई. इंडिया टुडे से जुड़े ब्रजेश दोषी की खबर के मुताबिक, परिवार के एक सदस्य ने बताया,
BLO ड्यूटी के वर्कलोड और लगातार यात्रा के कारण उनकी मौत हुई है. रमेशभाई बीते दो हफ्ते से तनाव में थे. उनके BLO वाले काम की जगह उनके स्कूल से 48 किलोमीटर दूर थी. इसका मतलब था कि उन्हें मोटरसाइकिल से रोज 96 किमी से ज्यादा की यात्रा करनी पड़ती थी.

3. राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में भी ऐसी ही घटना हो गई. यहां SIR के काम के बीच बुधवार, 19 नवंबर की सुबह एक BLO की हृदय गति रुक गई. यानी उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया. जिसके बाद उनकी मौत हो गई. मृतक की पहचान हरिओम बैरवा के रूप में हुई. 34 साल के हरिओम राजस्थान के सेवती खुर्द सरकारी स्कूल में ग्रेड III टीचर थे.
परिवार ने आरोप लगाया कि तहसीलदार का फोन आने के बाद हरिओम बेहोश हो गए. अधिकारी SIR ड्यूटी को लेकर उन पर ‘दबाव बना रहे थे’. इसकी वजह से वो बीते छह दिनों से ‘काफी तनाव में थे’. परिवार वालों का दावा है कि लगातार काम के बोझ के कारण उन्होंने घर पर ज्यादा बातचीत करना बंद कर दिया था.
हालांकि, तहसीलदार ने सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ बड़े अधिकारियों से मिले निर्देशों की जानकारी दी थी.
4. राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी एक सरकारी स्कूल टीचर ने 16 नवंबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. मुकेश जांगिड़ (45) SIR का काम कर रहे थे. परिवार का आरोप है कि काम के बोझ और समय सीमा के दबाव ने मुकेश को आत्महत्या के लिए मजबूर किया.
बाद में मुकेश का एक नोट भी मिला. जिसमें बताया गया कि उन पर टारगेट को लेकर ‘दबाव डाला जा रहा था’. नौकरी से निकालने की ‘धमकी दी जा रही थी’. नोट में ये भी लिखा गया कि बीते कुछ दिनों से वो ‘रातों को सो नहीं पा रहे थे’.
5. केरल के कन्नूर जिले में भी 17 नवंबर को अनीश जॉर्ज (44) नाम के BLO का शव मिला था. केरल पुलिस ने इसे लेकर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया. जॉर्ज के परिवार वालों ने दावा किया कि चुनाव संबंधी जिम्मेदारियों के दबाव ने उन्हें इस हद तक परेशान कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अनीश अपना काम पूरा करने के लिए देर रात तक काम करते थे. परिवार ने बताया कि कुछ दिन तो वो रात के दो बजे तक काम करते थे.

6. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भी एक BLO ने 'आत्महत्या' कर ली थी. मृतक शांतिमणि एक्का (48) मालबाजार इलाके की रहने वाली थीं. घटना से कुछ दिनों पहले उन्हें BLO के रूप में SIR ड्यूटी सौंपी गई थी. वो घर-घर जाकर फॉर्म बांटतीं और इकट्ठा करती थीं. उनके परिवार का आरोप है कि वो काफी दबाव में थीं और मानसिक रूप से परेशान थीं. कथित तौर पर वो अपने बूथ की एकमात्र BLO थीं.

7. पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में 9 नवंबर को SIR का काम कर रहे BLO की ‘ब्रेन-स्ट्रोक से मौत’ हो गई थी. मृतक की पहचान नमिता हंसदा (50) के रूप में हुई. वो चक बलरामपुर इलाके में बूथ संख्या 278 के लिए BLO के रूप में तैनात थीं. उनके पति माधव हंसदा ने आरोप लगाया कि काम के दबाव के चलते मानसिक तनाव से उनकी मौत हुई. हालांकि, एक जिला अधिकारी ने स्पष्ट किया कि उनकी मृत्यु मेडिकल कारणों से हुई थी. उनकी SIR ड्यूटी से कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं हो सका.
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