The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Shivraj patil died at the age of 91 pm narendra modi rahul gandhi express grief

पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, पीएम मोदी और राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि

Shivraj Patil 2004 से 2008 तक देश के गृह मंत्री रहे. उन्होंने Rajeev Gandhi और Indira Gandhi की सरकार में रक्षा मंत्रालय समेत महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली. और साल 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर भी रहे.

Advertisement
shivraj patil rahul gandhi narendra modi home minister
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने 91 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. (INC)
pic
आनंद कुमार
12 दिसंबर 2025 (Updated: 12 दिसंबर 2025, 11:04 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) का निधन हो गया. वे 91 साल के थे. 12 दिसंबर की सुबह 6.30 बजे उन्होंने लातूर में अपने घर 'देववर' में आखिरी सांस ली. लंबी बीमारी के चलते घर पर उनका इलाज चल रहा था. वे अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. साल 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले के समय शिवराज पाटिल ही देश के गृह मंत्री थे.

पीएम मोदी, राहुल और प्रियंका गांधी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाटिल के साथ कुछ महीने पहले हुई मुलाकात को याद करते हुए देश और समाज के लिए उनके योगदान की सराहना करते हुए उनके निधन पर दुख जताया है. और उनके परिवार को दुख की इस घड़ी में सांत्वना दी है. 

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए शिवराज पाटिल की मृत्यु पर संवेदना प्रकट की है. उन्होंने लिखा,

 पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल जी के निधन का समाचार बेहद दुखद और पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. जनसेवा के प्रति उनका समर्पण और राष्ट्र के लिए उनके योगदान हमेशा याद किए जाएंगे. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं पूरे पाटिल परिवार, उनके शुभचिंतकों और समर्थकों के साथ हैं.

कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने शिवराज पाटिल के निधन पर शोक जताते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 

श्री पाटिल ने रक्षा मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली और दशकों तक जनता की सेवा की. उनका जाना कांग्रेस परिवार के लिए अपूर्णीय क्षति है.

साल 1973 में पहली बार विधायक 

शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकूर गांव में हुआ था. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई लातूर से ही की. उसके बाद उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन और मुंबई यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की. पाटिल ने निकाय चुनाव से अपने राजनीति की शुरुआत की. वो लातूर नगरपालिका के अध्यक्ष भी बने. साल 1973 में वो पहली बार लातूर ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. साल 1980 तक वो विधायक रहे. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली.

उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने साल 1980 में उन्हें लातूर संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया. यहां भी उनको जीत मिली. और साल 1999 तक वो लगातार सात लोकसभा चुनाव जीतते रहे. इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार में साल 1980 से 82 तक पाटिल रक्षा राज्य मंत्री रहे. फिर साल 1982-82 में वाणिज्य मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया. 

इसके बाद उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. साल 1983 से 86 तक वो CSIR इंडिया के उपाध्यक्ष रहे. उन्होंने रक्षा, विदेश मामलों, वित्त, संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों समेत कई समितियों में भी अपनी सेवाएं दीं. राजीव गांधी सरकार में पाटिल को कार्मिक और रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. और बाद में उन्हें नागरिक उड्डयन और पर्यटन विभाग का स्वतंत्र प्रभार भी मिला. 

साल 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में शिवराज पाटिल लोकसभा के स्पीकर पद पर रहे. लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने संसद पुस्तकालय भवन के निर्माण और लोकसभा के दोनों सदनों के प्रश्नकाल का सीधा प्रसारण सैटेलाइट टीवी और आकाशवाणी पर शुरू कराने में अहम भूमिका निभाई. 

चुनाव हारने के बाद भी बड़ी जिम्मेदारी

शिवराज पाटिल को सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस में भी कई जिम्मेदारियां मिलीं. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में हारने के बावजूद उन्हें केंद्र में गृह मंत्री बनाया गया. साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद सिक्योरिटी में हुई चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.  इसके बाद साल 2010 से 15 तक उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक की भूमिका निभाई. 

मुबंई हमले के दौरान ड्रेस बदलने को लेकर आलोचना

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान शिवराज पाटिल को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. आतंकी हमलों के दौरान उन पर एक ही दिन में कई बार ड्रेस बदलने का आरोप लगा. और इसके लिए उनकी काफी किरकिरी भी हुई. शिवराज पाटिल ने अपनी बायोग्राफी - ओडिसी ऑफ माय लाइफ - में मुंबई हमलों का जिक्र नहीं किया था. बायोग्राफी के होम मिनिस्टर चैप्टर में उन्होंने गृह मंत्रालय के काम और शक्तियों, केंद्र-राज्य संबंध, आतंकवाद और नक्सलवाद के बारे में लिखा था. लेकिन इसमें मुंबई हमलों का जिक्र नहीं आया. 

वीडियो: कांग्रेस के शिवराज पाटिल ने गीता में जिहाद के संदेश की बात कही, फिर बवाल हो गया!

Advertisement

Advertisement

()