शिमला की जिस संजौली मस्जिद का गिरना तय था, अब वह नहीं तोड़ी जा सकेगी
नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने इस मस्जिद को गिराने का आदेश दिया था. शिमला की सेशन कोर्ट ने संजौली मस्जिद मामले को बहस योग्य माना है. लिहाजा सुनवाई तक मस्जिद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी.

हिमाचल प्रदेश के शिमला की संजौली मस्जिद को गिराने के आदेश पर रोक लग गई है. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट के उस फैसले पर स्टे लगा दिया है जिसमें पूरी मस्जिद को अवैध बताकर गिराने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने संजौली मस्जिद मामले को बहस योग्य माना है.
हालांकि, कोर्ट मस्जिद तोड़ने के आदेश पर चार दिन पहले ही रोक लगा दी गई थी. 25 मई को ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्टे लगाने का आदेश दिया था. इस केस की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी. मस्जिद पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
इससे पहले शिमला नगर निगम कमिश्नर भूपेंद्र अत्री ने शनिवार, 3 मई को इस मामले में मस्जिद तोड़ने का फैसला सुनाया था. उन्होंने कहा कि था मस्जिद की नीचे की दो मंजिलें भी गैरकानूनी हैं, इसलिए इन्हें भी तोड़ा जाए. इससे पहले 5 अक्टूबर 2024 को कोर्ट ने मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस मस्जिद तोड़ने के आदेश देने से पहले वक्फ बोर्ड को कई बार मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज देने और मस्जिद का नक्शा देने का मौका दिया गया था. मगर वक्फ बोर्ड इसके कागज पेश नहीं कर पाया. मस्जिद का नक्शा या किसी भी तरह की NOC भी मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड निगम कोर्ट को नहीं दे पाए. इसके आधार पर निगम आयुक्त ने मस्जिद को हटाने के आदेश दिए. जबकि, वक्फ बोर्ड लंबे समय तक जमीन पर मालिकाना हक का दावा करता रहा.
इस फैसले को वक्फ बोर्ड ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. बोर्ड ने शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की. सेशन कोर्ट ने नगर निगम कमिश्नर के फैसले पर मुहर नहीं लगाई और मामला सुनवाई योग्य माना है.
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