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कुपोषण में अव्वल मध्यप्रदेश में बच्चों को मिड-डे मील भी कागज के टुकड़ों पर मिल रहा, वीडियो वायरल

वीडियो वायरल हुआ तो जिला शिक्षा विभाग की नींद खुली. जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एमएल गर्ग ने तुरंत एक्शन लिया. मामले में कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रभारी भोगीराम धाकड़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

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Sheopur Children sitting on the floor in school and eating Mid day meal on pieces of paper instead of plates
गांव के लोगों ने बताया कि ये घटना मंगलवार, 4 नवंबर की है. (फोटो- आजतक)
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प्रशांत सिंह
7 नवंबर 2025 (Published: 08:41 PM IST)
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क्या मध्यप्रदेश में मिड-डे मील व्यवस्था 'कागजों' पर चलाई जा रही है? श्योपुर जिले में इसकी मिसाल देखने को मिली है. यहां एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में बच्चों से थाली की जगह कागज के टुकड़ों पर मिड-डे-मील परोस दिया गया. बच्चे धूल भरी जमीन पर बैठकर कागज पर रखा खाना खाते हुए दिखे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया.

आजतक से जुड़े खेमराज दुबे की रिपोर्ट के मुताबिक मामला श्योपुर जिले में विजयपुर ब्लॉक के हुल्लपुर गांव में बने सरकारी प्राथमिक स्कूल का है. आरोप है कि यहां छोटे बच्चों को कागज के टुकड़ों पर मिड-डे-मील का खाना खिलाया गया. वायरल वीडियो में ये साफ दिख भी रहा है. दर्जनों बच्चे लाइन में बैठे हैं. स्व-सहायता समूह की महिलाएं कागज के टुकड़ों पर सब्जी-रोटी डाल रही हैं. कुछ बच्चे हाथ से खाना उठा रहे हैं तो कुछ कागज मुट्ठी में दबाकर खा रहे हैं.

ये वीडियो किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर सकता है. वीडियो वायरल हुआ तो जिला शिक्षा विभाग की नींद खुली. जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एमएल गर्ग ने तुरंत एक्शन लिया. मामले में कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रभारी भोगीराम धाकड़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वहीं बीआरसीसी और जनशिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अधिकारी ने बताया कि मिड डे मील के लिए जिम्मेदार स्व-सहायता समूह का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया है.

DEO एमएल गर्ग ने कहा,

“ये अत्यंत गंभीर और अमानवीय घटना है. बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूरी जांच कराई जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.”

उधर ग्रामीणों का कहना है कि ये पहली बार नहीं हुआ. इससे पहले भी कई बार बर्तन कम होने की बात कहकर कागज में खाना परोसा जाता रहा है. लेकिन इस बार किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया. गांव के लोगों ने बताया कि ये घटना मंगलवार, 4 नवंबर की है, जब स्व-सहायता समूह को खाना बनाना और परोसना था. बर्तन न होने का बहाना बनाकर बच्चों को कागज में खाना दिया गया.

कुपोषण में अव्वल मध्यप्रदेश!

मध्यप्रदेश देश के उन राज्यों में शुमार है जहां बच्चों की बड़ी संख्या कुपोषण से ग्रसित है. ऐसा हम नहीं राज्य की सरकार खुद कहती है. फरवरी 2024 में कांग्रेस के विधायक आतिफ आरिफ अकील ने विधानसभा में राज्य में कुपोषण से ग्रसित बच्चों की संख्या पूछी थी. सरकार ने सदन के पटल पर जो जवाब रखा, वह बताता है कि स्थिति गंभीर है. राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि राज्य के कुल 1 लाख 36 हजार बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण से पीड़ित हैं. इनमें 29 हजार से ज्यादा बच्चे अति कुपोषण (Severe Acute Malnourished) से ग्रसित हैं.

पिछले साल नवंबर में राज्यसभा में सांसद भीम सिंह ने कुपोषण को लेकर देशभर के आंकड़े मांगे. जवाब में सरकार ने जो डेटा दिया, उसमें भी मध्यप्रदेश का नाम अव्वल दिखाई देता है.

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