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कैंसर मरीजों के नाम पर इंश्योरेंस का फर्जीवाड़ा, ठगों ने मृतकों को भी नहीं बख्शा

गैंग के लोग मर चुके या फाइनल स्टेज के कैंसर मरीजों का इंश्योरेंस करवाते थे. फिर उनकी मौत के बाद इंश्योरेंस की रकम हड़प लेते थे. कई केसों में ऐसा भी सामने आया कि पहले ही मर चुके लोगों के मौत की तारीख बदलकर इंश्योरेंस की रकम भी हड़प ली गई.

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Sambhal Insurance Fraud: Police Shares Modus Operandi Of Criminals
इंश्योरेंस फ्रॉड में कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस. (फोटो- आजतक)
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संतोष शर्मा
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26 मई 2025 (Published: 02:18 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश के संभल से इंश्योरेंस फ्रॉड (Sambhal Insurance Fraud) के कई मामले सामने आए थे. पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. गैंग का भंडाफोड़ भी किया था. अब पुलिस ने इस गैंग के काम करने के तरीके के बारे में बताया है. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि अपराधी तीन तरीकों से फ्रॉड को अंजाम देते थे.

आजतक के इनपुट के मुताबिक, जनवरी महीने में पुलिस को इंश्योरेंस फ्रॉड के कई मामले मिले थे. पुलिस ने बताया कि गैंग के लोग मर चुके या मरने वाले लोगों का इंश्योरेंस करवा कर उनकी मौत के बाद इंश्योरेंस की रकम हड़प लेते थे. कई केसों में ऐसा भी सामने आया कि पहले ही मर चुके लोगों के मौत की तारीख बदलकर इंश्योरेंस की रकम भी हड़पी जाती थी.

इनपुट के मुताबिक, कुछ गैंग मर चुके लोगों के डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करते थे. इन लोगों के डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार, PAN आदि का इस्तेमाल करके फाइनेंस पर ट्रैक्टर या बाइक खरीदते थे. डॉक्यूमेंट में दर्ज मौत की तारीख़ से भी छेड़छाड़ की जाती थी. फिर जब शख़्स की मौत की वजह से लोन क्लोज़ कर दिया जाता था तो वाहन बेच देते थे. तीसरा तरीका था हत्या. गैंग के लोग इंश्योरेंस की रकम हड़पने के लिए हत्या करने लगे थे.

ये गैंग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को अपना शिकार बनाता था. यह गैंग पहले उसका इंश्योरेंस करवाता. इसके बाद जब उसकी मौत हो जाती तो फर्ज़ी दस्तावेज़ों से खोले गए बैंक अकाउंट और नॉमिनी से धोखे से लिए गए चेक के जरिए इंश्योरेंस की रकम हड़प लेते थे.

दिनेश शर्मा का परिवार ऐसी ही एक गैंग का शिकार बना. उनसे 25 लाख रुपये की हड़प ली गई. आज तक की टीम राजपुर थाने में दिनेश शर्मा के घर पहुंची. दिनेश की पत्नी प्रियंका शर्मा ने बताया कि उनके पति दिनेश दिल्ली में कैटरिंग का काम करते थे. अचानक उन्हें कैंसर का पता चला.

उन्होंने बताया कि एक दिन उनके घर हरिओम, सूरज और सद्दाम आए. इन्होंने इलाज में मदद दिलाने का झांसा देकर प्रियंका से ही 1,40,000 रुपये ले लिए. दिनेश की बीमारी छुपाकर अक्टूबर 2023 में उनका इंश्योरेंस करवाया. नॉमिनी के तौर पर प्रियंका को रखा. पांच महीने बाद 30 मार्च को दिनेश की मौत हो गई.

परिवार के मुताबिक, जालसाजों ने प्रियंका का अकाउंट खुलवाया. लेकिन बैंक से मिली चेक बुक पर धोखे से प्रियंका के दस्तखत ले लिए. उसके पैन कार्ड, बैंक की पासबुक जैसे डॉक्यूमेंट्स अपने पास रख लिए. बैंक से आने वाले मैसेज का नंबर भी बदल दिया. जब इंश्योरेंस की रकम आई तो उसे हड़प लिया. उनके हिस्से में इंश्योरेंस का एक भी रुपया नहीं आया.

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