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'पति है आवारा, तो कंडोम ही है... ', एड्स दिवस पर छात्राओं ने ऐसा नारा लगाया, इंटरनेट बौरा गया

Samastipur AIDS Day Rally Slogan: एड्स दिवस पर ये रैली सदर अस्पताल की ओर से निकाली गई थी, जिसे एक सिविल सर्जन लीड कर रहे थे. जब रैली अस्पताल से निकलकर सड़क के बीच से होते हुए गुजरी तो इसमें लगाए जा रहे नारों ने लोगों का ध्यान खींचा. फिर वीडियो बने और इंटरनेट पर हंगामा मच गया.

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Bihar Samastipur AIDS Day rally viral slogans by students
मेडिकल की कुछ छात्राओं ने एड्स दिवस के मौके पर जागरूकता रैली निकाली थी. (Photo: X)
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जहांगीर आलम
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3 दिसंबर 2025 (Updated: 3 दिसंबर 2025, 02:06 PM IST)
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'अगर पति है आवारा, कंडोम ही है सहारा' और 'परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी'. यह अनूठे नारे लगे बिहार के समस्तीपुर में. मौका था एड्स दिवस का. मेडिकल की कुछ छात्राओं ने लोगों को एड्स के बारे में जागरूक करने के लिए एक रैली निकाली. लेकिन रैली में लगाए गए नारे चर्चा का विषय बन गए. लोगों ने छात्राओं के इन नारों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो कि अब वायरल हो रहा है. इस पर लोगों के मिले-जुले रिएक्शन्स भी आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि ये रैली समस्तीपुर के सदर अस्पताल की ओर से निकाली गई थी, जिसे एक सिविल सर्जन लीड कर रहे थे. जब रैली अस्पताल से निकलकर सड़क के बीच से होते हुए गुजरी तो इसमें लगाए जा रहे नारों ने लोगों का ध्यान खींचा. छात्राओं के नारों ने यह संदेश भी दिया कि एड्स जैसे गंभीर मुद्दों पर शर्म-हया छोड़कर लोगों को जागरूक होना होगा.

'अगर पति है आवारा, कंडोम ही है सहारा' जैसा नारा महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास करता है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं पहल कर सकती हैं. इसके बोल भी एकदम सरल और स्पष्ट हैं, जिससे कम पढ़े लिखे लोग भी आसानी से समझ पाएं. वहीं 'परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी', जैसे नारे प्रवासी मजदूरों को लेकर थे, जो अक्सर काम के लिए बाहर जाते हैं, और जब घर आते हैं तो अपने घर संक्रमण लेकर लौटते हैं.

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

हालांकि, छात्राओं के इन नारों ने सोशल मीडिया पर लोगों के बीच बहस छेड़ दी है. कुछ लोगों ने छात्राओं की पहल की तारीफ की तो कुछ लोगों ने कहा कि केवल पुरुषों को ही इसका दोष क्यों दिया जा रहा है. बीमारी महिलाओं से भी हो सकती है. एक शख्स ने लिखा,

संदेश अच्छा है लेकिन ये नारा सही नहीं है, एड्स सिर्फ मर्द से नहीं होता है औरत से भी हो सकता है.

X post aids day
(Photo: X)

वहीं एक अन्य शख्स ने लिखा कि जागरूकता अभियानों का उद्देश्य यौन स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना, महिलाओं में सशक्तिकरण बढ़ाना और रोकथाम के तरीकों को सामान्य बनाना है. इन नारों ने वही किया. सीधा, सरल और जनता की भाषा में संदेश पहुंचाया.

aids x post bihar
(Photo: X)

एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि समस्तीपुर की इन छात्राओं ने सच में कमाल कर दिया. छोटे-छोटे नारे, बड़ा संदेश- एड्स से बचाव और जागरूकता जरूरी है. सोशल मीडिया पर तहलका तो बनता है, जब युवा सीधे और मजेदार अंदाज में बात करें.

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(Photo: X)

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सिविल सर्जन ने दी सफाई

बहरहाल, इस मुद्दे पर बहस और लोगों की प्रतिक्रियाओं के बीच अस्पताल के सिविल सर्जन की सफाई भी आई है. समस्तीपुर सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने कहा,

एड्स दिवस पर जागरूकता रैली निकाली गई थी, जिसमें जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) डिप्लोमा कोर्स की छात्राएं और अस्पताल की नर्स शामिल थीं. इसका स्लोगन कुछ एनजीओ के लोगों ने तैयार करवाया था. जिसकी बात की जा रही है कि 'अगर पति है आवारा, कंडोम ही है सहारा', ये कोई स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से नहीं आया था.

उन्होंने कहा कि एनजीओ के लोग हम लोगों को सहयोग करते हैं, तो उन्हीं ने ये बनाया था. इसके लिए कोई पंपलेट नहीं बनवाया था. जब ये स्लोगन बोला जा रहा था तो मुझे भी अटपटा जैसा लगा था.

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