The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Sadhguru said on Siliguri Corridor Its time to turn chicken into elephant

'चिकन को हाथी बनाने का समय आ गया है', सद्गुरु ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर को बताया 78 साल पुरानी "भूल"

Sadhguru on Chicken Neck: सद्गुरू ने कहा कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर हमारी जमीन केवल 22 किमी चौड़ी है. यह किसी देश को बनाने का कोई तरीका नहीं होता है. हालांकि आजादी और विभाजन के समय शायद हमारे पास वह अधिकार नहीं था. 1972 में हमारे पास अधिकार था, लेकिन हमने कोई कार्रवाई नहीं की.

Advertisement
Sadhguru said on Siliguri Corridor Its time to turn chicken into elephant
सद्गुरू ने कहा है कि 1972 में हमारे पास चिकन नेक बड़ा करने का अधिकार था. (Photo: ITG/File)
pic
सचिन कुमार पांडे
30 दिसंबर 2025 (Published: 02:13 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सदगुरु जग्गी वासुदेव ने कहा है कि चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर 1947 की एक विसंगति थी, जिसे 1971 में ठीक कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि चिकन को पालकर हाथी बना दिया जाए. सद्गुरु की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की ओर से लगातार चिकन नेक पर भड़काऊ बातें कही जा रही हैं.

सद्गुरू के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें वह भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उनसे पूछा गया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से चिकन नेक को काटने जैसी बातें कही गई हैं. इस पर आप क्या सोचते हैं. जवाब में सद्गुरू कहते हैं,

ये हमारी बेवकूफी है कि हमने ऐसे बयानों के आने का इंतजार किया. अब चूंकि ऐसे बयान दिए गए हैं, वह भी तीसरे देश में. वहां पर हमारी जमीन केवल 22 किमी चौड़ी है. यह किसी देश को बनाने का कोई तरीका नहीं होता है. हालांकि आजादी और विभाजन के समय शायद हमारे पास वह अधिकार नहीं था. 1972 में हमारे पास अधिकार था, लेकिन हमने कोई कार्रवाई नहीं की. अब यह चिकन नेक, जिसके बारे में लोगों ने बात करना शुरू किया है, समय आ गया है कि हम इसे पालें-पोसें और बड़ा करके हाथी बनाएं. हमें यह करने की जरूरत है. देश केवल चिकन रहते हुए नहीं बन सकते, उसे हाथी जितना बड़ा बनना पड़ता है.

सद्गुरू ने आगे यह भी माना कि अगर ऐसी कोई कार्रवाई की जाती है तो देश को इसके आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक परिणाम भी होंगे. मालूम हो कि हाल ही में बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता के बीच चिकन नेक को लेकर भी कई तरह की भड़काऊ बातें कही गई हैं. हालांकि वहां की अंतरिम सरकार के नेताओं की ओर से इस प्रकार की धमकी का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

क्या है चिकन नेक?

मालूम हो कि चिकन नेक या फिर सिलीगुड़ी कॉरिडोर उत्तरी पश्चिम बंगाल में स्थित भारत के भू-भाग का एक संकरा या छोटा सा हिस्सा है. इसके एक ओर की सीमा नेपाल से और दूसरी ओर बांग्लादेश से लगती है. यह एकमात्र रास्ता है, जो भारत को उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ता है. ऐसे में रणनीतिक रूप से यह बेहद अहम हो जाता है. सिलीगुड़ी कॉरिडोर और उत्तर पूर्वी राज्यों के नक्शे को मिलाकर देखा जाए तो यह एक चिकन की गर्दन जैसा प्रतीत होता है, इसीलिए इसे चिकन नेक कहा जाता है. 

यह भी पढ़ें- 'मुंह में मू** दूंगी', जाम में फंसी महिला दरोगा ने कार वाले को दी धमकी

चिकन नेक को भारत की कमजोरी भी समझा जाता है कि युद्ध जैसी स्थिति में दुश्मन इसे ब्लॉक कर सकता है, जिससे उत्तर-पूर्वी राज्यों का भारत के अन्य हिस्से से संपर्क कट जाएगा. हालांकि यह आसान काम नहीं है. भारत ने इस कॉरिडोर में सेना और सुरक्षा की ऐसी घेराबंदी कर रखी है कि अगर इस पर हमले का प्रयास भी हुआ तो ऐसा जवाब दिया जाएगा कि दुश्मन शायद अगला वार कर पाने की स्थिति में न हो. सुरक्षा उपायों में लगातार इजाफा भी किया जा रहा है. बहरहाल सद्गुरू के हालिया बयान ने एक बार फिर चिकन नेक पर बहस खड़ी कर दी है.

वीडियो: बांग्लादेश की पहली प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की पूरी कहानी

Advertisement

Advertisement

()