AMCA के लिए रूस ने बढ़ाया मदद का हाथ! भारत में Su-57 के प्रोडक्शन का भी ऑफर
Russia की ओर से AMCA और SU-57 से जुड़ी यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब India-Russia oil deal के भविष्य को लेकर तमाम खबरें आ रही हैं. वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump का हर दिन एक नया दावा. 16 अक्टूबर को ट्रंप ने दावा किया था कि भारत जल्द ही रशियन तेल की खरीदारी बंद कर देगा.

जब दुनिया के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं, तब एक रिश्ता है जो वक्त की हर कसौटी पर खरा उतरा है. भारत और रूस की दोस्ती. दशकों से यह साझेदारी सिर्फ रणनीति नहीं, भरोसे का प्रतीक रही है. इसी भरोसे को नई उड़ान देते हुए भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि रूस भारत के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट में हर संभव मदद करेगा.
यही नहीं, रूस ने भारत को अपना अत्याधुनिक सुखोई Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट भी ऑफर किया है. और खास बात यह है कि अगर भारत इस डील पर हस्ताक्षर करता है, तो इन विमानों का निर्माण भारत की धरती पर ही किया जाएगा.
16 अक्टूबर 2025 को एक कार्यक्रम में बोलते हुए अलीपोव ने कहा कि यह प्रस्ताव भारत-रूस के लंबे और भरोसेमंद रक्षा संबंधों का नया अध्याय है. अब यह रिश्ता महज़ खरीद-बिक्री के सौदों तक सीमित नहीं, बल्कि संयुक्त विकास, सह-उत्पादन और हाई-टेक पार्टनरशिप की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. यह उस गहरे भरोसे की मिसाल है, जिसने दोनों देशों को न सिर्फ रणनीतिक साझेदार, बल्कि साझे नवाचार (co-innovation) का साझेदार बना दिया है.

यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब भारत-रूस तेल व्यापार के भविष्य को लेकर तमाम खबरे आ रही हैं. वजह है प्रेसिडेंट ट्रंप का हर दिन एक नया दावा. ट्रंप ने दावा किया था कि भारत जल्द ही ऐसी खरीदारी बंद कर देगा. रूसी राजदूत ने तेल के मुद्दे पर बोलते हुए कहा
रूसी ऊर्जा वैश्विक बाजार में सबसे किफायती विकल्प बनी हुई है. रूस ने इस सहयोग को बाधित करने के प्रयासों के बावजूद वैकल्पिक सप्लाई और पेमेंट सिस्टम्स को विकसित करने में लचीलापन दिखाते हुए अपनी प्रतिबद्धताओं का लगातार पालन किया है.
भारत के साथ रक्षा संबंधों पर उन्होंने कहा कि छह दशकों से भी अधिक समय से, रूस एक विश्वसनीय रक्षा साझेदार रहा है. भारत के सैन्य आधुनिकीकरण में रूस का एक प्रमुख योगदान रहा है. भारत के लगभग 70% रक्षा उपकरण रूसी मूल के हैं, और ऑपरेशन सिंदूर इसकी प्रभावशीलता का प्रमाण है. इस साझेदारी ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें सबसे उल्लेखनीय ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का जॉइंट प्रोडक्शन है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस को अब हाइपरसोनिक मिसाइल में अपग्रेड किया जा रहा है.
(यह भी पढ़ें: Su-57 फाइटर जेट पर भारत की चुप्पी: रणनीति का हिस्सा या संकोच?)
राजदूत अलीपोव ने कहा कि दोनों देश अगली पीढ़ी (संभवत: 6ठी पीढ़ी) की तकनीकों में सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं. इनमें एंटी-ड्रोन सिस्टम्स, उन्नत रडार और हमला करने वाले हथियार भी शामिल हैं. राजदूत अलीपोव कहते हैं कि भारत और रूस के बीच सहयोग हमेशा से बहुत अच्छा रहा है. शंघाई सहयोग संगठन के आतंकवाद-रोधी मिशन में भी हमारी भागीदारी अहम है.
वीडियो: एयरफोर्स के लड़ाकू विमान सुखोई 30 और मिराज 2000 क्रैश, एक पायलट की मौत