Reliance का बड़ा फैसला, रूसी तेल का आयात पूरी तरह किया बंद
रिलायंस गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स चलाती है. इसमें दो रिफाइनरी हैं, जिनमें से एक खासतौर पर ईंधन के निर्यात के लिए है. RIL ने इसी रिफाइनरी में रूसी तेल का इस्तेमाल बंद किया है.

रूस के पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को लेकर वेस्ट का बैन अब अपना असर दिखाने लगा है. यूरोपियन यूनियन (EU) के बैन के मद्देनजर भारत की सबसे बड़ी ऑइल रिफाइनरी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड रिफाइनरी में रूसी तेल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया है.
रिलायंस गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स चलाती है. इसमें दो रिफाइनरी हैं-जिनमें से एक खासतौर पर ईंधन के निर्यात के लिए है. RIL ने इसी रिफाइनरी में रूसी तेल का इस्तेमाल बंद किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, RIL के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा,
क्यों लिया फैसला?“हमने 20 नवंबर से अपनी SEZ (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) रिफाइनरी में रशियन क्रूड ऑयल का इंपोर्ट बंद कर दिया है. 1 दिसंबर से SEZ रिफाइनरी से सभी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट नॉन-रशियन क्रूड ऑयल से किए जाएंगे.”
यूरोपीय यूनियन (EU) ने जनवरी 2026 से ऐसे सभी पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी है, जो रूस के तेल से बने हों. इतना ही नहीं अगर वे किसी तीसरे देश में भी रिफाइन किए गए हों, उनके आयात पर भी रोक लगा दी. बता दें कि RIL यूरोप को काफी ईंधन एक्पोर्ट करती है, यही वजह है कि उसे इस नियम का पालन करना जरूरी है.
वहीं, अमेरिका भी रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर दबाव बनाने की लगातार कोशिश कर रहा था. वेस्ट देशों का कहना है कि इससे यूक्रेन में रूस की जंग की कोशिशों को फंड करने में मदद मिल रही है. लेकिन यह बात भी किसी से छुपी नहीं है कि रूस, दुनिया के टॉप ऑयल एक्सपोर्टर्स में से एक है.
अमेरिका ने हाल ही में रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट (Rosneft) और लुकोइल (Lukoil) पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. इनसे जुड़ी सभी डीलिंग 21 नवंबर तक खत्म करनी थीं. चूंकि RIL का इन कंपनियों से बड़ा तेल आयात समझौता था, इसलिए रिलायंस अब इनके साथ कारोबार करने से भी बच रही है.
वीडियो: खर्चा पानी: रूस से तेल ना खरीदने के दबाव के बीच भारत और अमेरिका ने LPG पर बड़ी डील कर ली


