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कर्ज में डूबा हुआ था भाजपा नेता का बेटा, बचने के लिए बनाई मौत और अपहरण की झूठी कहानी

मध्य प्रदेश के एक भाजपा नेता का बेटा जब कर्ज में डूब गया तो बच निकलने के लिए उसने अजीबोगरीब तरकीब निकाली. उसने अपनी मौत की झूठी कहानी बना दी और जब पकड़ा जाने लगा तो खुद का अपहरण होने की बात कही. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

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rajgarh BJP leader son fabricated fake story of death and kidnapping to escape debt
भाजपा नेता के बेटे ने अपनी मौत की झूठी कहानी गढ़ी. (Photo: ITG)
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पंकज शर्मा
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19 सितंबर 2025 (Published: 08:43 AM IST)
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मध्य प्रदेश के एक भाजपा नेता के बेटे ने कर्ज से बचने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी लिखी. उसने अपनी कार को नदी में गिरा दिया और फिर जाकर महाराष्ट्र में छिप गया. हालांकि जब मामले में पुलिस को साजिश का शक हुआ तो उसने फिर अपने अपहरण की कहानी गढ़ी.

नदी में पड़ी मिली कार

मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का है. यहां पांच सितंबर को पुलिस को सूचना मिली कि सारंगपुर की कालीसिंध नदी में एक कार पुल से गिर गई है. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर कार को बरामद किया. जांच पर पता चला कि यह कार विशाल सोनी नाम के युवक की है. विशाल के पिता महेश सोनी राजगढ़ के संडावता के रहने वाले हैं और भाजपा नेता एवं जनपद सदस्य हैं.

पुलिस को बताया गया कि विशाल रात में सारंगपुर गया था और सुबह तक वापस नहीं लौटा. इसके बाद पुलिस समेत नगरपालिका और डीईआरएफ की टीमें विशाल को ढूंढने में लग जाती हैं. नदी के तीस किलोमीटर के दायरे में सर्च अभियान चलाया जाता है, लेकिन विशाल कहीं नहीं मिलता.

पुलिस को हुआ शक

इस बीच पुलिस को विशाल के परिजनों के बयान और हावभाव से शंका पैदा होती है. ऐसे में पुलिस साजिश के एंगल से इस मामले की जांच करती है. घटना की रात की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाती है और विशाल के पिता की कॉल डिटेल्स निकलवाई जाती है. विशाल के बैंक डिटेल्स चेक करने पर पता चलता है कि उस पर एक करोड़ रुपये से अधिक का लोन है.

अपहरण की बनाई कहानी

इसके बाद पुलिस विशाल के पिता, पत्नी और दोनों भाइयों को शक के दायरे में लेकर कड़ाई से पूछताछ करती है. इस पर उसके परिजन कहते हैं कि वह दो दिन में पता लगाकर बताएंगे कि कहीं विशाल किसी रिश्तेदार के यहां तो नहीं है. इस बीच विशाल अचानक से महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले के फरदापुर थाने पहुंचता है और बताता है कि उसका अपहरण कर लिया गया था.

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खबर मिलने पर जब सारंगपुर से पुलिस की टीम वहां पहुंचती है तो विशाल उनको बताता है कि उसका अपहरण कर उसे जंगल में रखा गया था. हालांकि पुलिस जब उसके पास मौजूद अन्य सबूत दिखाती है तो विशाल कबूल कर लेता है कि उसने अपनी मौत और अपहरण की पूरी झूठी कहानी रची थी. वह बताता है कि फाइनेंस करवाए गए वाहनों में उसे काफी नुकसान हुआ था, जिससे वह कर्ज में डूबा हुआ था, इसलिए यह कदम उठाया. पूरी कहानी सुनने के बाद पुलिस गुमशुदगी की शिकायत होने के कारण विशाल को उसके परिजनों को सौंप देती है.

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