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दोनों हाथ नहीं थे, पैर से लिखकर राजस्थान की पायल ने दसवीं बोर्ड किया टॉप

राजस्थान की रहने वाली पायल यादव के दोनों हाथ नहीं हैं. लेकिन उन्होंने पैर से लिखकर ही दसवीं बोर्ड में टॉप किया है. दसवीं बोर्ड में उन्होंने 600 में से 600 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया है. पायल ने इसका क्रेडिट खुद को, परिवार वालों और टीचर्स को दिया है.

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payal yadav who had lost both of her hands has topped 10th board
मुंडनकला गांव की रहने वाली पायल यादव भविष्य में IAS ऑफिसर बनना चाहती हैं. (तस्वीरः सोशल मीडिया)
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उपासना
11 जून 2025 (Published: 02:53 PM IST) कॉमेंट्स
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‘हिम्मत नहीं हौसलों से उड़ान होती है’ ये लाइनें महज जोश भरने भर के लिए लिखी गई पंक्तियां नहीं हैं. कुछ लोगों की जिंदगी असल में इसकी चलती फिरती गवाह होती है. राजस्थान की पायल यादव (Payal Yadav board topper) इसकी जीती जागती मिसाल हैं. पायल ने दोनों हाथ नहीं होने के बाद भी दसवीं बोर्ड में टॉप किया है. पायल ने पैर से लिखकर दसवीं बोर्ड में 600 में से 600 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया है.

पायल खैरथल तिजारा जिले के मुंडावर विधानसभा के पास स्थित मुंडनकला गांव की रहने वाली हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पायल जब 5 साल की थीं तभी करंट की चपेट में आने से उनके दोनों हाथ चले गए थे. पायल के घर वालों ने न्यूज पोर्टल ईटीवी को बताया कि वह (पायल) एक रोज अपने भाई के साथ घर में खेल रही थी. खेलते-खेलते उसकी बॉल पास खेत में चली गई.

खेत में 11,000 वोल्ट की बिजली की लाइन टूटकर नीचे गिरी हुई थी. पायल बॉल उठाने गई तो उसने गलती से बिजली के तार को पकड़ लिया और करंट की चपेट में आ गई. पायल बुरी तरह से झुलस गई. पायल को जयपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया. पायल हालत काफी गंभीर थी. पायल को बचाने के लिए डॉक्टर्स ने ऑपरेशन किया और मजबूरन पायल के दोनों हाथ काटने पड़े.

बहरहाल, इस खबर के बाद पायल के परिवार समेत पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है. पायल भविष्य में IAS बनना चाहती है. पायल की मां मनीषा देवी ने ईटीवी से बताया कि हम तो सोचते थे कि उनकी बेटी अब कुछ कर भी पाएगी या नहीं. पायल हमसे कहती थी कि मम्मी चिंता मत करो. अच्छे नंबर आएंगे, और उसने अच्छे नंबर लाकर दिखा दिया.

पायल ने इस सफलता का क्रेडिट सभी को दिया. पायल ने कहा, इसमें सभी की मेहनत है, मेरी, टीचर्स की, परिवार वालों की. सभी ने पूरा सपोर्ट किया है, उसी का फल मिला है. मैंने कभी हिम्मत नहीं हारी. कभी ये नहीं सोचा कि मैं ये नहीं कर सकती. मैंने सोचा मेरा पास हाथ ही तो नहीं है. दिमाग तो है ही. तो मैं कुछ भी कर सकती हूं. मैंने लगातार प्रयास किया और उसी का फल आज मुझे मिला है.

पायल ने ये भी बताया कि उसके दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन उसे कोई परेशानी नहीं होती है. वो अपना पूरा काम खुद ही कर लेती हैं. पैरों से खाना खाती हैं. बाल संवारती हैं. यही नहीं वो साइकिल भी चला लेती हैं. पायल ने युवाओं को कभी हिम्मत नहीं हारने का संदेश दिया है.

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