DISHA की बैठक हुई 'दिशाहीन', सांसदों में मची चिल्लमचिल्ली, एक शख्स बोला- 'मैदान में आओ तुम'
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में दिशा की मीटिंग में दो सांसद आपस में भिड़ गए. 'तू-तड़ाक' पर शुरू हुई बहस धमकी पर पहुंच गई. बाद में अधिकारियों ने जैसे-तैसे दोनों नेताओं को शांत कराया.
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राजस्थान के डूंगरपुर में ‘दिशा’ की बैठक की दिशा बिगड़ गई. बैठक में शामिल होने आए दो सांसद आपस में ही भिड़ गए. मामला 'बाहर आकर लड़ लो' की धमकी तक जा पहुंचा. हालात बिगड़ते देख सुरक्षाकर्मियों ने भी मोर्चा संभाल लिया. झगड़े की बात ये थी कि दोनों सांसद अलग-अलग एजेंडे पर बात करना चाहते थे. यही बहस इतनी बढ़ी की ‘तू-तड़ाक’ होने लगी. इस पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद बिफर पड़े. जैसे-तैसे मामले को शांत कराया गया और 'दिशा' की बैठक संपन्न कराई गई.
दिशा यानी District Development Coordination and Monitoring Committee - DISHA जिला स्तर पर गठित एक समिति है, जिसका मकसद केंद्र की योजनाओं और अन्य विकास कार्यक्रमों में होने वाली प्रगति की समीक्षा करना है.
डूंगरपुर जिले में इसी 'दिशा' की मीटिंग में भाजपा के सांसद मन्नालाल रावत मौजूद थे. बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत. बताया गया कि बैठक में किसी मुद्दे पर चर्चा को लेकर राजकुमार रोत और मन्नालाल में बहस हो गई. रोत का कहना था कि वो मीटिंग के अध्यक्ष हैं और उनके अधिकार में है कि वो जिस विषय पर चर्चा करना चाहें वो कर सकते हैं. लेकिन मन्नालाल का कहना था कि दिशा केंद्र सरकार की गठित कमिटी है. ऐसे में केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए. जबकि रोत राज्य सरकार की किसी योजना पर बात करना चाहते थे.
इसी बात पर बहस के बीच दोनों की आवाजें तेज होने लगीं. राजकुमार रोत ने मन्नालाल पर आरोप लगाया कि वह ‘नखरे’ कर रहे हैं और बैठक ‘बर्बाद’ कर रहे हैं. वहीं मन्नालाल उन पर नियमों के विपरीत बैठक के संचालन का आरोप लगाते हैं. इसी बीच राजकुमार मन्नालाल से कहते हैं,
तुम बताओगे कि मीटिंग कैसे चले?
इसी बात पर मन्नालाल भड़क गए. बोले,
तुम क्या होता है? कैसे बात कर रहे हो? मैं आप-आप करके बात कर रहा हूं. ये तुम क्या होता है?
तभी मीटिंग में बैठा एक अन्य शख्स, जिन्हें ‘आसपुर का विधायक उमेश डामोर’ बताया जा रहा है, अपनी जगह पर खड़े होते हैं और मन्नालाल की ओर देखते हुए कहते हैं,
लड़ाई करनी हो तो बाहर आ जाना. यहां पर मत करना. मैदान में आओ तुम.
इस पर मन्नालाल जवाब देते हैं,
देखिए ऐसे धमकी देने से काम नहीं चलता है. धमकी कैसे दे रहे हो? कोई धमकी कैसे दे सकता है कि बाहर आ जाओ? साहब क्या व्यवस्था है ये?
इस पर राजकुमार रोत पूछते हैं कि कौन धमकी दे रहा है. भड़के मन्नालाल उनसे कहते हैं,
आपका कान बहरा है क्या? आपको ध्यान देना चाहिए कि धमकी कौन दे रहा है?
यही सबको लेकर बात बढ़ती है. विवाद इतना बढ़ जाता है कि दोनों के सुरक्षाकर्मी एक्टिव हो जाते हैं. आक्रोशित नेताओं को रोकने की कोशिश करते हैं. तकरीबन 15 मिनट तक चले हंगामे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप से मामले को शांत कराया जाता है. तब जाकर मीटिंग हो पाती है.
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
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