राजस्थान के राठीखेड़ा में नहीं लगेगा एथेनॉल प्लांट, किसान के विरोध के आगे झुकी कंपनी
राजस्थान के राठीखेड़ा गांव में एथेनॉल प्लांट नहीं लगेगा. किसानों के लगातार प्रदर्शन के बाद कंपनी ने ही अपने कदम वापस खींच लिए हैं. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि अब राजस्थान के बाहर प्लांट लगाया जाएगा लेकिन राठीखेड़ा गांव में नहीं.
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राजस्थान के हनुमानगढ़ में टिब्बी के पास एथेनॉल प्लांट नहीं लगेगा. जिस कंपनी का ये प्रोजेक्ट था, उसने ही अपने कदम वापस खींच लिए हैं. इंडिया टुडे से जुड़े गुलाम नबी की रिपोर्ट के मुताबिक, एथनॉल फैक्ट्री के सीनियर मैनेजर जय प्रकाश शर्मा ने बताया कि कंपनी अब राजस्थान के बाहर एथनॉल प्लांट लगाएगी. फैक्ट्री को लेकर विवाद की वजह से ये फैसला लिया गया है. बता दें कि लंबे समय से किसान टिब्बी के पास प्लांट लगने का विरोध रहे थे. मामला तब और गंभीर हो गया, जब आक्रोशित गांव वालों ने राठीखेड़ा गांव में बन रहे ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री पर धावा बोल दिया. उसकी दीवारें तोड़ दीं और दफ्तरों में आग लगा दी.
प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई. उन्होंने पुलिस की टीम पर पथराव भी किया. इस दौरान हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. कई प्रदर्शनकारियों पर केस भी दर्ज किए गए.
10 दिसंबर 2025 को हुए इस हिंसक विरोध का असर ये हुआ कि कंपनी ने फैसला किया कि वह राठीखेड़ा गांव में अपना प्लांट नहीं लगाएगी. विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान सभा के जिला सचिव मंगेज चौधरी ने कंपनी के फैसले पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि ये जनता की जीत है. ये किसान के ऐतिहासिक संघर्ष की जीत है लेकिन लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने तक संघर्ष का ऐलान किया है.
इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों का कहना है कि एथनॉल फैक्ट्री लगने से इलाके में ग्राउंड वाटर खत्म हो जाएगा. इसके अलावा, इलाके में प्रदूषण बढ़ जाएगा.
गहलोत सरकार ने दी थी परमिशनराजस्थान के राठीखेड़ा गांव में हरियाणा के एक कारोबारी को ये फैक्ट्री लगाने की इजाजत साल 2022 में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने दी थी. कांग्रेस सरकार के दौरान ही फैक्ट्री लगाने की सारी मंजूरी मिली थी. भाजपा की सरकार के आने के बाद वहां पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
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