राजस्थान के कई कलेक्टर साइबर ठगों के निशाने पर, वॉट्सऐप प्रोफाइल बनाकर भेज रहे ये मेसेज
राजस्थान में साइबर ठगों 6 जिलों के कलेक्टरों की तस्वीरें लगाकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट तैयार किए और अधिकारियों को संदिग्ध मैसेज भेजे. मामले में सभी कलेक्टरों ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है.

इनोवेशन अच्छी चीज है. लेकिन ठगी-डकैती में न हो रही हो तभी तक. राजस्थान में कुछ साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का ऐसा तरीका ईजाद किया कि सुनकर आप उनकी हिम्मद की दाद ही दे सकते हैं. धोखेबाजों ने ठगने के लिए एक तो सरकारी अफसरों को चुना. फिर ठगने के तरीके के लिए तो और भी डेंजरस काम किया. कलेक्टरों के फोटो को ही हथियार बना लिया. उनकी फोटो प्रोफाइल पर लगाकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाए और कई लोगों को संदिग्ध संदेश भी भेजे.
इस तरीके से अब तक राजस्थान के 6 कलेक्टरों के नाम पर फ्रॉड की कोशिश की गई है. पीड़ित कलेक्टर अब सोशल मीडिया से अपने जानने वालों को आगाह कर रहे हैं कि उनके नाम से कोई संदिग्ध मेसेज आ सकता है, सब लोग एकदम चौकन्ना रहें.
धोखाधड़ी के इस नए तरीके ने प्रदेश के पूरे प्रशासनिक ढांचे को झकझोर कर रख दिया है. इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 48 घंटे के भीतर चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, कोटा और बारां जिलों के कलेक्टरों की तस्वीरें लगाकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट तैयार किए गए. इस अकाउंट से कई सरकारी अधिकारियों को संदिग्ध मेसेज भेजे गए.
सबसे पहले फंसे चित्तौड़ के कलेक्टररिपोर्ट के मुताबिक, ठगों ने सबसे पहले चित्तौड़गढ़ के कलेक्टर आलोक रंजन की तस्वीर का इस्तेमाल करके एक फर्जी ID बनाई. इससे एसडीएम और बीएलओ को संदेश भेजे गए. मामले का पता लगते ही कलेक्टर रंजन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया. सोशल मीडिया पर स्टेटस डालकर सभी अधिकारियों और आम लोगों को भी सतर्क रहने की अपील की. इसी दिन 3 और अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल भी सामने आईं.
साइबर ठगों ने झालावाड़ कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, प्रतापगढ़ कलेक्टर अंजलि राजोरिया, डूंगरपुर कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, कोटा कलेक्टर पीयूष समारिया और बारां कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर की फोटो लेकर नकली प्रोफाइल बनाईं. इन सभी फर्जी अकाउंट्स पर ‘District Collector’ लिखकर एक जैसा मेसेज अंग्रेजी में भेजा गया था- ‘Hello, How are you doing, Where are you at moment?’
कई नंबरों से भेजे मेसेजचित्तौड़गढ़ के कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि उनकी फोटो वाले फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट से कई अफसरों को अलग-अलग नंबरों से मेसेज भेजे गए थे. बारां कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि उनकी फोटो से जो अकाउंट बनाया गया है, उसका नंबर वियतनाम का है. उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज कराई है. साइबर सेल भी जांच में जुटी है.
कोटा के कलेक्टर पीयूष समारिया को भी जब पता चला कि उनके फोटो का इस्तेमाल फर्जीवाड़े के लिए किया जा रहा है तो उन्होंने सबको आगाह कर दिया. उन्होंने अपने अधीनस्थों यानी अपने अंडर काम करने वालों को सोशल मीडिया के जरिए किसी भी तरह के लेन-देन से बचने की सलाह दी. उन्होंने इसकी शिकायत थाने में भी की है.
हालांकि, ठगों ने इन फर्जी अकाउंट्स से पैसे की मांग की है या नहीं, कितने पैसे मांगे हैं, किसी को इससे नुकसान पहुंचा है या नहीं, इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिली है. मिलते ही स्टोरी अपडेट की जाएगी.
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