'बहुजनों से खुला विश्वासघात', राहुल गांधी जाति जनगणना के सवाल पर मिले जवाब से भड़के
Rahul Gandhi के सवाल पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के लिखित जवाब में ‘जाति’ का कोई जिक्र नहीं किया. उन्होंने बताया कि जनगणना दो फेज में होगी.

कांगेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर देश के ‘बहुजनों के साथ धोखा’ करने का आरोप लगाया है. इसका आधार उन्होंने जातिगत जनगणना को बनाया. राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना के लिए मोदी सरकार के पास कोई ठोस प्लान नहीं है. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने इस मुद्दे पर ना तो संसद में चर्चा की और ना ही लोगों के साथ बातचीत की.
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में जनगणना को लेकर सरकार से सवाल पूछा था. इस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का लिखित जवाब आया. केंद्र के जवाब से राहुल गांधी संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने X पर लिखित जवाब का फोटो शेयर करते हुए मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
राहुल गांधी ने X पर लिखा,
"संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा - उनका जवाब चौंकाने वाला है.
न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद.
दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं.
मोदी सरकार की यह जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात है."
मोदी सरकार के जवाब के आधार पर राहुल ने इसे देश के बहुजनों के साथ विश्वासघात करार दिया. राहुल गांधी के बयान को देखते हुए उनके दो सवाल गौर करने वाले हैं.
पहला सवाल- क्या सरकार का जनगणना के ड्राफ्ट सवाल पब्लिश करने और इन सवालों पर आम जनता या जनप्रतिनिधियों से इनपुट लेने का कोई प्रस्ताव है?
केंद्र का जवाब- हर जनगणना से पहले अलग-अलग मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डेटा यूजर्स वगैरह से मिले इनपुट/सुझावों के आधार पर जनगणना के सवाल फाइनल किए जाते हैं. ड्राफ्ट जनगणना के सवाल फाइनल करने से पहले उनकी फिजिबिलिटी का अंदाजा लगाने के लिए फील्ड में पहले से टेस्ट किया जाता है. जनगणना नियम, 1990 के नियम 6 के अनुसार, जनगणना क्वेश्चनेयर को केंद्र सरकार, एक्ट के सेक्शन 8 के सब-सेक्शन (1) के तहत ऑफिशियल गजट के जरिए नोटिफाई करती है.

दूसरा सवाल- क्या सरकार अलग-अलग राज्यों में किए गए जाति सर्वे समेत पिछली एक्सरसाइज से बेहतर तौर-तरीके अपनाने पर विचार कर रही है? अगर हां, तो उसका ब्यौरा क्या है?
केंद्र का जवाब- जनगणना का इतिहास 150 साल से ज्यादा पुराना है. अगली जनगणना करने के लिए पिछली जनगणना से मिली सीख को ध्यान में रखा जाता है. हर जनगणना से पहले संबंधित स्टेकहोल्डर्स से भी इनपुट लिए जाते हैं.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपने जवाब में ‘जाति’ का कोई जिक्र नहीं किया. उन्होंने बताया कि जनगणना दो फेज में होगी. पहले फेज में मकानों की लिस्टिंग और उनकी गिनती की जाएगी. यह फेज अप्रैल से सितंबर 2026 में 30 दिनों की अवधि में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की सुविधा के अनुसार चलेगा.
दूसरे फेज में जनसंख्या गणना (PE) होगी. जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 के दौरान होगी जिसकी रेफरेंस तारीख 1 मार्च 2027 को 00:00 बजे होगी. लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड इससे बाहर रहेंगे. इन चार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या गणना, सितंबर 2026 के दौरान होगी, जिसकी रेफरेंस तारीख अक्तूबर 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी.
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