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'जगदीप धनखड़ कहां हैं?' राहुल गांधी को अचानक क्यों याद आए पूर्व उपराष्ट्रपति?

राहुल गांधी ने पूछा है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए ये नौबत क्यों आ गई कि उन्हें छिपना पड़ रहा है.

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Rahul gandhi on Jagdeep dhankhar
जगदीप धनखड़ (बायें) की 'चुप्पी' पर राहुल गांधी (दायें) ने सवाल उठाया है (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
20 अगस्त 2025 (Updated: 20 अगस्त 2025, 09:22 PM IST)
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भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कहां हैं? ये सवाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूछा है. उन्होंने यह भी पूछा है कि ऐसी क्या नौबत आ गई कि वह बाहर आकर एक शब्द भी नहीं बोल सकते? दिल्ली में एक कार्यक्रम में काली टी-शर्ट पहने राहुल गांधी ने इन सवालों के जरिए मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि जो उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) राज्यसभा में जबरदस्त तरीके से बोलते थे, वो चुपचाप चले गए. आखिर भारत के उपराष्ट्रपति के साथ ऐसी नौबत क्यों आई?

संसद के मॉनसून सत्र शुरू होने के एक दिन बाद ही 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इसके लिए खराब सेहत का हवाला दिया था. लेकिन विपक्ष ने उनके अचानक इस्तीफे के पीछे मोदी सरकार से उनके टकराव को वजह बताया. राहुल गांधी ने बुधवार, 20 अगस्त को इसे लेकर कहा, 

जिस दिन उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) ने इस्तीफा दिया, वेणुगोपाल जी ने मुझे फोन किया और कहा कि उपराष्ट्रपति चले गए. इसके पीछे बड़ी कहानी है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया. कुछ लोग इसे जानते होंगे, कुछ नहीं. इसके पीछे कहानी है और फिर इसके पीछे भी कहानी है कि वे अब छिप क्यों रहे हैं?

राहुल ने आगे कहा, 

भारत के उपराष्ट्रपति ऐसी स्थिति में क्यों हैं कि वे एक शब्द भी नहीं कह सकते? और उन्हें छिपना पड़ रहा है. वो व्यक्ति जो पहले राज्यसभा में जबरदस्त बोलते थे, अचानक पूरी तरह चुप हो गए. एकदम चुपचाप चले गए. हम ऐसे समय में जी रहे हैं.

राहुल गांधी लोकसभा में भाजपा सरकार की ओर से पेश किए गए नए संविधान संशोधन बिल पर भी बोले. उन्होंने इस बिल की आलोचना करते हुए कहा, 

बीजेपी जो नया बिल लाने वाली है, उसे लेकर शोर मचा है. हम फिर से मध्यकालीन दौर में लौट रहे हैं, जब राजा अपनी मर्जी से किसी को भी हटा सकता था. वहां चुने हुए व्यक्ति की कोई अहमियत नहीं होती. अगर उसे आपका चेहरा पसंद नहीं आया तो वह ईडी से मामला दर्ज करवा देता है और फिर लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए व्यक्ति को सिर्फ 30 दिनों में हटा दिया जाता है.

बता दें कि अमित शाह की ओर से पेश किए गए इस बिल के तहत 30 दिन तक गंभीर आरोपों में जेल जाने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को उनके पद से हटाने का प्रावधान है.

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