UKSSSC पेपर लीक को सीएम धामी ने बताया 'नकल जिहाद', पकड़े गए आरोपी मुस्लिम हैं
Uttarakhand Paper Leak मामले में राज्यभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच, Pushkar Singh Dhami के Nakal Jihad वाले कॉमेंट पर विवाद खड़ा हो गया है.

उत्तराखंड के कथित पेपर लीक मामले को लेकर बुधवार, 24 सितंबर को राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हुए. इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने आरोपियों पर कार्रवाई की बात कहते हुए इस प्रकरण को ‘नकल जिहाद’ करार दिया. इस पर कांग्रेस का कहना है कि युवाओं के भविष्य से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे (पेपर लीक) को ‘नकल जिहाद’ कहना इसे हल्का करना है.
देहरादून में BJP के नए पदाधिकारियों के लिए आयोजित ट्रेनिंग वर्कशॉप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,
…युवाओं का भविष्य बर्बाद करने के लिए, ये लोग पेपर लीक करने की साजिश रचने के लिए एकजुट होते हैं. कोचिंग माफिया और नकल माफिया मिलकर राज्य में नकल जिहाद छेड़ने की कोशिश कर रहे हैं... ताकि इलाके में अराजकता फैलाई जा सके. लेकिन मैं उन माफियाओं और जिहादियों को बता देना चाहता हूं कि जब तक नकल माफिया को मिट्टी में नहीं मिला देती, तब तक हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी.
सीएम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सीनियर कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि BJP सरकार विफलताओं के सामने सांप्रदायिकता का आसान रास्ता अपनाती है. उन्होंने कहा,
…प्रदेश की हर समस्या से पीछा छुड़ाने के लिए उसे साम्प्रदायिक रंग देना BJP सरकार की आदत बन गई है. लेकिन युवाओं के भविष्य से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे पर पेपर लीक को नकल जिहाद बोलना हल्कापन है. ये युवाओं के आक्रोश को कमतर आंकने की भूल है. कांग्रेस इसकी घोर निंदा करती है.
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मांग की कि ‘UKSSSC परीक्षा पेपर लीक’ की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में CBI से कराई जाए.
दरअसल, बुधवार, 24 सितंबर को परीक्षा में कथित धांधली को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. उत्तराखंड बेरोजगार संगठन और अन्य संगठनों ने लोगों से राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए देहरादून तक मार्च निकालने का आह्वान किया.
इससे पहले, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित की गई थी. इसके क्वेश्चन पेपर के तीन पन्ने ऑनलाइन सामने आने के बाद पेपर लीक होने के आरोप लगे. अब तक मामले में खालिद मलिक और सबिया नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों भाई-बहन बताए गए हैं. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये घटना सिर्फ दो लोगों तक सीमित नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि खालिद मलिक हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटरकॉलेज में परीक्षा देने गया था. उसने कथित तौर पर एग्जाम सेंटर से अपनी बहन सबिया के साथ क्वेश्चन पेपर की तीन तस्वीरें शेयर कीं. सबिया ने कथित तौर पर ये तस्वीरें मलिक की दोस्त सुमन को भेजीं. ताकि वो सवाल हल करवा सके.
देहरादून के SSP अजय सिंह ने बताया कि टिहरी के एक कॉलेज में प्रोफेसर सुमन ने पेपर के बारे में एक युवा नेता बॉबी पंवार को जानकारी दी. बाद में पंवार ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करके धांधली का आरोप लगाया.
पुलिस ने बताया कि खालिद ऋषिकेश में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करता था. वो सुमन से तब से परिचित था, जब वो वहां नगर निगम में अधिकारी के रूप में काम करती थीं. पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि सुमन इस मामले में शामिल नहीं थीं और उन्हें इस मामले में गवाह माना जाएगा. हालांकि, इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में उनका नाम पहली आरोपी के रूप में दर्ज किया गया था. SSP अजय सिंह ने कहा कि एग्जाम केंद्र से सामने आई प्रशासनिक खामियों की UKSSSC जांच करेगा.
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