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केदारनाथ की बाढ़ में 'मर' चुका शख्स जिंदा निकला, एक चोरी के केस ने घरवालों से मिलवा दिया

2013 की केदारनाथ बाढ़ में मौत की सूची में दर्ज हो चुका यह शख्स कई सौ किलोमीटर दूर Maharashtra में ज़िंदा मिला. उस पर चोरी के आरोप लगे. फिर कोर्ट ने जो कहा, उसके लिए वरदान साबित हुआ.

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Kedarnath floods 2013
2013 में आई केदारनाथ बाढ़ में हजारों लोग लापता हो गए. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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अर्पित कटियार
7 दिसंबर 2025 (Published: 10:50 AM IST)
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2013 की केदारनाथ बाढ़ में हजारों लोग मारे गए, जबकि सैकड़ों लोग लापता हो गए. शिवम उनमें से एक थे. कई दिनों तक जब उनका कोई पता नहीं चला तो घरवालों ने हार मान ली और उन्हें ‘मरा हुआ’ मानकर उनका ‘प्रतीकात्मक’ अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. मौत की सूची में दर्ज हो चुका यह शख्स कई सौ किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के संभाजीनगर में ज़िंदा मिला. लेकिन उसे याद नहीं कि वह यहां तक कैसे पहुंचा. 

पूरा मामला क्या है?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में संभाजीनगर के जिस मंदिर में शिवम रुके हुए थे, उसमें चोरी हो गई. गिरफ्तारी के बाद कुछ लुटेरों ने उनका नाम भी इस मामले में घसीट लिया. जब अदालत में शिवम को पेश किया गया, तो जज ने उन्हें ‘डिसआर्गेनाइज्ड सिज़ोफ्रेनिया’ की वजह से पुणे के रीजनल मेंटल हॉस्पिटल (RMH) में भेजने का आदेश दिया.

बाद में, रुड़की (उत्तराखंड) के गवर्नमेंट मेंटल हॉस्पिटल में शिवम के स्कूल से जुड़ी एक छोटी-सी जानकारी सामने आई. यही सुराग उनके परिवार तक पहुंचने की शुरुआत बना. उधर, अदालत ने भी साफ कर दिया कि शिवम का चोरी से कोई संबंध नहीं है और RMH ने उन्हें छुट्टी दे दी. इसके बाद, 55 साल के शिवम शुक्रवार, 5 नवंबर को आखिरकार अपने भाई से मिल पाए. शिवम का परिवार रुड़की में रहता है.

RHM की समाज सेवा अधीक्षक (SSS) रोहिणी भोसले बताती हैं कि शिवम से उनकी पहचान जान पाना आसान नहीं था. वे पहाड़ी बोली बोलते थे, जिसे समझना मुश्किल था, और पोलियो के कारण उन्हें चलने में दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा,

मुझे अजीब लगा कि ऐसी हालत में वे किसी चोरी में कैसे शामिल हो सकते हैं.

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2023 में एक दिन शिवम ने अचानक रुड़की के अपने स्कूल, ‘प्रेम विद्यालय’ का नाम बताया. यही वह ठोस जानकारी थी जिसकी टीम को तलाश थी. भोसले ने तुरंत हरिद्वार जिले के रुड़की थाने से संपर्क किया और वहां से शिवम के रिश्तेदारों और उनकी पढ़ाई की जानकारी मिल गई.

उन्होंने बताया कि शिवम डिसऑर्गेनाइज़्ड सिज़ोफ्रेनिया (अव्यवस्थित सिज़ोफ्रेनिया) से जूझ रहे हैं. यह एक मानसिक बीमारी होती है, जिसमें पीड़ित के सोचने, बोलने का तरीका और रोज़मर्रा के काम बहुत अव्यवस्थित हो जाते हैं. शिवम को घर ले जा चुका परिवार फिलहाल इस मामले पर बात नहीं करना चाहता.

वीडियो: तारीख: 2013 की बाढ़ के बाद केदारनाथ के सर्वे में कौन सा राज खुला था?

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