न्यूक्लियर मिसाइल, विशालकाय आकार; आखिर कितने खतरनाक होंगे Trump Class के जंगी जहाज?
Trump Class के नए Battleships में नए Nuclear Capable Cruise Missile होंगे. इन्हें जहाज पर मौजूद 12 सेल्स से लॉन्च किया जा सकेगा. ये मिसाइल्स Hypersonic माने आवाज की रफ्तार से पांच गुना तेज होंगी. साथ ही ये दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने के लिए मैन्यूवरेबल होंगी.

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) न सिर्फ वहां के इतिहास, बल्कि वहां की नौसेना पर भी अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने अमेरिकन नेवी (US Navy) के लिए एक नई श्रेणी के वॉरशिप बनाने की घोषणा की है. इन जंगी जहाजों को 'ट्रंप क्लास' के (Trump Class) वॉरशिप्स नाम से जाना जाएगा. इन जंगी जहाजों के बारे में फ्लोरिडा स्थित अपने आवास मार-ए-लागो पर जानकारी देते हुए प्रेसिडेंट ट्रंप ने कहा कि ये अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े जंगी जहाज होंगे.
नाम पर आधारित जहाज का ‘क्लास’ क्या होता है?इतिहास में बड़े-बड़े राजनेता हमेशा से अपने नाम पर चीजें बनवाते रहे हैं. चाहे वो मूर्ति हो, स्मारक हो या कुछ और. वहीं अमेरिका, जो कि दुनिया में मिलिट्री ताकत के लिहाज से सबसे पावरफुल देश है, वहां बड़े-बड़े लोगों के नाम पर नेवलशिप का नाम रखने की परंपरा रही है. चाहे वो पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन हों, जेराल्ड फोर्ड हों, जिमी कार्टर, जॉर्ज डब्लू बुश या बिल क्लिंटन हों; सभी के नाम पर एयरक्राफ्ट कैरियर, वॉरशिप्स आदि हैं. अमेरिका में नौसेना के जहाजों पर अपना नाम एक सिंबल के तौर पर देखा जाता है.

मकसद होता है कि भले ही उनका कार्यकाल खत्म हुए दशकों बीत जाएं, लेकिन उनका नाम लोगों की जुबान पर आता रहे. लिहाजा हर प्रमुख व्यक्ति के नाम पर बने पहले जहाज के बाद भी उस श्रेणी के कई जहाज बनाए जाते हैं. इसी श्रेणी को क्लास कह दिया जाता है. उदाहरण के लिए दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका की पैसिफिक फ्लीट के एक कमांडर हुए. नाम था चेस्टर विलियम निमिट्ज. उनके नाम पर अमेरिका ने निमिट्ज क्लास के एयरक्राफ्ट कैरियर बनाए. अमेरिकन नेवी में परंपरा है कि क्लास का नाम हमेशा पहले जहाज के नाम पर ही रखा जाता है. नंबरिंग के लिहाज से पहले सीरीज के जहाज का हल नंबर (अमेरिकी नेवल जहाजों का यूनिक नंबर) सबसे कम होता है.
प्रेसिडेंट ट्रंप ने बनाई गोल्डन फ्लीट22 दिसंबर को अमेरिकन नेवी द्वारा जारी एक फैक्ट शीट के मुताबिक ट्रंप क्लास अब तक बनाया गया सबसे खतरनाक जंगी जहाज होगा. 880 फीट तक की लंबाई और 30,000 से 40,000 टन के डिस्प्लेसमेंट के साथ, वे दूसरे विश्व युद्ध के बाद US नेवी द्वारा बनाए गए सबसे बड़े सरफेस कॉम्बैटेंट (पानी के जंगी जहाज) होंगे. इससे पहले अमेरिकन नेवी का मशहूर जंगी जहाज USS मिसौरी, जिसने 1945 में जापान के आत्मसमर्पण की अगुवाई की थी, वो 887 फीट लंबा था. साथ ही उसका डिस्प्लेसमेंट लगभग 58,000 टन था. फिलहाल देखें तो US नेवी बेड़े में सबसे बड़े सरफेस कॉम्बैटेंट जुमवाल्ट डिस्ट्रॉयर हैं, जिनका डिस्प्लेसमेंट 15,000 टन है. अमेरिकन नेवी की नई वेबसाइट, गोल्डन फ्लीट के मुताबिक प्रेसिडेंट ट्रंप द्वारा ऐलान किए गए इन जहाजों में अब तक के किसी भी वॉरशिप के मुकाबले सबसे अधिक फायर पावर होगी. कहा गया है कि इनमें पिछली क्लास के मुकाबले 80 गुना अधिक रेंज से दुश्मन पर हमला करने की क्षमता होगी.

जानकारी के मुताबिक इन नए बैटलशिप्स में नए न्यूक्लियर-कैपेबल क्रूज मिसाइल होंगे. इन्हें जहाज पर मौजूद 12 सेल्स से लॉन्च किया जा सकेगा. ये मिसाइल्स हाइपरसॉनिक माने आवाज की रफ्तार से पांच गुना तेज होंगी. साथ ही ये दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने के लिए मैन्युवरेबल (एयर डिफेंस के हमले से बचने के लिए कलाबाजी करना) होंगी. ट्रंप क्लास में 128 वर्टिकल लॉन्च सेल भी होंगे जिनका इस्तेमाल धीमी गति से उड़ने वाली टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों, एंटी-शिप मिसाइलों या मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर के लिए किया जा सकता है. ट्रंप क्लास के कुछ और डिटेल्स पर नजर डालें तो,
- लंबाई: 840-880 फीट
- बीम: 105-115 फीट (वो जगह जहां शिप सबसे चौड़ा होता है)
- स्पीड: 30+ नॉट्स
- क्रू: 650-850
- जहाजों की संख्या: 20-25 जहाज ट्रंप क्लास में होंगे
इन नई शिप्स के बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकन नेवी ने बताया कि यह आधुनिक बैटलशिप अत्याधुनिक कॉम्बैट सिस्टम का इस्तेमाल करेगी, जिसमें बड़े मिसाइल वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (LMVLS) शामिल हैं, ताकि किनारे पर मौजूद टारगेट्स पर लंबी दूरी की हाइपरसॉनिक स्ट्राइक की जा सके. फिलहाल ये टारगेट्स, मौजूदा बेड़े की पहुंच से बाहर हैं. इन शिप्स में ये भी क्षमता होगी कि दुश्मन के खतरों के खिलाफ बेहतर एक्सचेंज रेशियो के लिए डायरेक्टेड एनर्जी हथियारों का इस्तेमाल किया जा सके.

इस जहाज के बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकन नेवी के चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशंस एडमिरल डैरिल कॉडल कहते हैं कि जैसे-जैसे हम अपनी नेवी के बेड़े का भविष्य बना रहे हैं, हमें एक बड़े सरफेस कॉम्बैटेंट की जरूरत है और ट्रंप-क्लास बैटलशिप उस जरूरत को पूरा करती हैं. हम लगातार सुधार सुनिश्चित करेंगे, 2030 के दशक और उसके बाद प्रभावी ढंग से रोकने और जीतने की जरूरत के बारे में एक ईमानदार आकलन करेंगे. हम अनुशासित तरीके से काम करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप एक ऐसा बेड़ा बनेगा जो मारक क्षमता, अनुकूलन क्षमता और ताकत में बेजोड़ होगा.
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