नौगाम थाने में विस्फोटक की सैंपलिंग के वक्त कैसे हो गया धमाका? ये वजह सामने आई है
Jaish_-E-Mohammad के एक प्रॉक्सी संगठन PAFF ने Nowgam Police Station Blast की जिम्मेदारी भी ली. लेकिन DGP Nalin Prabhat ने इस मामले में कोई भी आतंकी एंगल होने से इंकार किया है.

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए ब्लास्ट में (Kashmir Nowgam Blast) पुलिस ने किसी भी आतंकी साजिश होने से इनकार कर किया है. पुलिस ने इसे एक ‘बुरा’ हादसा बताया. ये धमाका उस वक्त हुआ, जब फोरेंसिक टीमें फरीदाबाद से लाए गए एक्सप्लोसिव मैटेरियल का सैंपल ले रही थीं.
इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार मीर फरीद की रिपोर्ट के मुताबिक प्रारंभिक जांच से पता चला है कि जांच और नमूने लेने के लिए घटनास्थल पर मौजूद 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट में किसी लिक्विड विस्फोटक की भूमिका हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक ये विस्फोट उस समय हुआ जब जब्त किए गए विस्फोटक के आखिरी बक्सों के नमूने लिए जा रहे थे. लिक्विड विस्फोटकों में हाइड्रोजन पेरोक्साइड और एसिटोफेनोन का मिश्रण था, जिसका इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट आईईडी (IED) को ब्लास्ट करने के लिए ट्रिगर के रूप में किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, जैश मॉड्यूल को विस्फोटक को ट्रिगर करने के लिए शॉकवेव की जरूरत थी. शॉकवेव पैदा करने के लिए आम तौर पर डेटोनेटर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन जैश मॉड्यूल को डेटोनेटर नहीं मिल पाए. यही वजह थी कि उन्होंने लिक्विड केमिकल का इस्तेमाल ट्रिगर के रूप में किया. इसके अलावा थाने में ब्लास्ट के दौरान अत्यधिक रोशनी भी थी. एजेंसियां इस एंगल पर भी जांच कर रही हैं कि क्या तेज रोशनी का भी हादसे में कोई रोल है.
सूत्रों ने आगे बताया कि फिलहाल CFSL और NSG बम डिस्पोजल स्क्वाड की जांच पूरी होने के बाद मामले की साफ तस्वीर सामने आएगी. हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में किसी भी आतंकी पहलू को खारिज कर दिया है. पुलिस ने इसे एक एक्सीडेंटल विस्फोट बताया है.
विस्फोटक का डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा थाफरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले में जब्त किए गए विस्फोटक डॉ. मुजम्मिल शकील गनई से जुड़े एक किराए के घर से बरामद किए गए थे. डॉ मुजम्मिल 'व्हाइट-कॉलर' आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किए गए 8 लोगों में से एक हैं. यही जब्त विस्फोटक नौगाम थाने में रखा हुआ था. जब विस्फोट हुआ, तब मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उसका डॉक्युमेंट बनाकर उसे सील किया जा रहा था. इस मामले में आतंकी हमले की भी आशंका जताई गई.
साथ ही जैश-ए-मुहम्मद के एक प्रॉक्सी संगठन PAFF ने विस्फोट की जिम्मेदारी भी ले ली. लेकिन डीजीपी नलिन प्रभात ने इस बयान को महज अटकलें बताकर खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि विस्फोट 'आकस्मिक' था और जब्त किए गए सामान की हैंडलिंग के दौरान हुआ.
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