प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट है किसका, जिसने BJP को अकेले 2180 करोड़ रुपये चंदा दे दिया?
Political Parties Donation: सर्वोच्च अदालत के Electoral Bonds खत्म करने के फैसले के बाद वित्त वर्ष 2024-25 में नौ Electorral Trusts ने राजनीतिक पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इसमें से सबसे ज्यादा चंदा 3,112 करोड़ रुपये BJP को मिला.

राजनीतिक पार्टियों को मिले चंदे में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट देश का सबसे बड़ा इलेक्टोरल ट्रस्ट बनकर उभरा है. 2024-25 में इसने कुल 2,668 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जिसमें से अकेले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 2,180 करोड़ मिले हैं. इस आंकड़े को आप ऐसे समझिए कि सभी इलेक्टोरल ट्रस्टों के जरिए पॉलिटिकल पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट एक इलेक्टोरल ट्रस्ट है. कुछ कंपनियां मिलकर एक इलेक्टोरल ट्रस्ट बनाती हैं, जिसमें अलग-अलग कंपनियां राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए पैसा देती हैं. फिर इलेक्टोरल ट्रस्ट यह पैसा पार्टियों को चंदे के तौर पर देता है. ‘इलेक्टोरल ट्रस्ट स्कीम 2013’ के तहत ये इलेक्टोरल ट्रस्ट बनाए जाते हैं.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट का भी यही काम है. कंपनियां इस ट्रस्ट को चंदे के तौर पर अपना योगदान (पैसा) देती हैं. बाद में यह ट्रस्ट उसी रकम को बतौर चंदा पॉलिटिकल पार्टियों को देता है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट देश का सबसे अमीर इलेक्टोरल ट्रस्ट है. पहले इसका नाम सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट था.
2024-25 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट BJP का सबसे बड़ा दानदाता बनकर उभरा. कुल 2,668 करोड़ रुपये के चंदे में से करीब 82 फीसदी यानी 2,180 करोड़ रुपये का चंदा BJP को गया. इस ट्रस्ट को जिंदल स्टील एंड पावर, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, भारती एयरटेल, ऑरोबिंदो फार्मा, टॉरेंट फार्मास्यूटिकल्स जैसी कंपनियों से फंड मिला. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP), तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और दूसरी पार्टियों को भी डोनेट किया है.
सर्वोच्च अदालत के इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म करने के फैसले के बाद वित्त वर्ष 2024-25 में नौ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इसमें से सबसे ज्यादा चंदा 3,112 करोड़ रुपये भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिला.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, BJP को कुल चंदे का करीब 82 फीसदी हिस्सा यानी 3,112 करोड़ रुपये मिले. वहीं, कांग्रेस को सिर्फ 299 करोड़ रुपये (करीब 8 फीसदी) मिले. बाकी सभी पार्टियों को मिलाकर 400 करोड़ रुपये (लगभग 10 फीसदी) का चंदा मिला.
ये आंकड़े अलग-अलग इलेक्टोरल ट्रस्टों की ओर से चुनाव आयोग को दी गई योगदान रिपोर्ट पर आधारित हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला कुल चंदा इससे ज्यादा है, क्योंकि इलेक्टोरल ट्रस्ट चंदा देने का सिर्फ एक तरीका हैं. हालांकि यह एक बड़ा जरिया है.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर शनिवार, 20 दिसंबर तक मौजूदा 19 रजिस्टर्ड इलेक्टोरल ट्रस्टों में से 13 की रिपोर्ट उपलब्ध थी. इनमें से 9 ट्रस्टों ने चंदा देने की जानकारी दी, जबकि जनहित, परिवर्तन, जयहिंद और जयभारत नामक ट्रस्टों ने 2024-25 में कोई चंदा नहीं दिया. 2023-24 में इलेक्टोरल ट्रस्टों के जरिए कुल 1,218 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया था, जो 2024-25 में बढ़कर 3,811 करोड़ रुपये हो गया. यानी इसमें 200 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
वहीं, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2024-25 में 917 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 914.97 करोड़ रुपये उसने दान कर दिए. इसमें से 80.82 फीसदी हिस्सा BJP को मिला. इस ट्रस्ट के बड़े डोनर टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा स्टील्स लिमिटेड, टाटा मोटर्स लिमिटेड और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड जैसी टाटा ग्रुप की कंपनियां रहीं.
अन्य इलेक्टोरल ट्रस्ट
- जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट को KEC इंटरनेशनल लिमिटेड से 1.02 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 1 करोड़ रुपये शिवसेना (UBT) को दिए गए.
- हार्मनी इलेक्टोरल ट्रस्ट को 35.65 करोड़ रुपये मिले और उसने 30.15 करोड़ रुपये BJP को दिए. इसमें भारत फोर्ज लिमिटेड, सारलोहा एडवांस्ड मैटेरियल्स और कल्याणी स्टील लिमिटेड बड़े दानदाता रहे.
- न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट को महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, टेक महिंद्रा लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड से 160 करोड़ रुपये मिले. इनमें से 150 करोड़ रुपये BJP को दिए गए.
- ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट को 25 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 21 करोड़ रुपये BJP को दिए गए. इसका सबसे बड़ा डोनर CG पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड है.
- जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट को कुल 19 लाख रुपये मिले, जो फॉरएवर बिजनेस सॉल्यूशंस ने दिए. इनमें से 9.5 लाख रुपये BJP और 9.5 लाख रुपये कांग्रेस को दिए गए.
सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने की स्कीम इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. अब कंपनियां चेक, डिमांड ड्राफ्ट (DD), यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से बैंक ट्रांसफर के जरिए राजनीतिक पार्टियों को चंदा दे सकती हैं. पार्टियों को इस चंदे की जानकारी अपनी रिपोर्ट में चुनाव आयोग को देनी होती है.
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