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'घुसपैठियों से बड़ा खतरा है बदलती डेमोग्राफी', RSS के शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के 100 साल पूरे होने के मौके पर गुरुवार को संघ का शताब्दी समारोह आयोजित किया गया. इसमें प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उन्होंने समारोह में भारत सरकार की ओर से विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया.

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pm modi said at RSS cenetary celebrations that attempts made to crush it after independence
पीएम मोदी RSS के शताब्दी समारोह में शामिल हुए. (Photo: PTI)
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सचिन कुमार पांडे
1 अक्तूबर 2025 (Published: 03:03 PM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश की बदलती डेमोग्राफी पर चिंता जताई और कहा कि यह एक बड़ी चुनौती बन रही है. पीएम ने कहा कि आज ऐसे चैलेंज हैं, जो देश की एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर सीधा हमला करते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन चुनौतियों से तेजी से निपटने में लगी है.

पीएम ने जारी किया विशेष डाक टिकट और सिक्का

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को RSS के 100 साल पूरे होने के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में पहुंचे थे. यहां उन्होंने भारत सरकार की ओर से संघ के 100 साल के सफर की स्मृति में विशेष डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया. समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने RSS की कई उपलब्धियां गिनाईं. साथ ही संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार को श्रद्धांजलि भी दी.

डेमोग्राफिक बदलाव पर जताई चिंता

संघ के शताब्दी समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घुसपैठिए और बाहरी ताकतें लंबे समय से देश की एकता के लिए खतरा रही हैं, लेकिन आज बड़ी चुनौती डेमोग्राफिक बदलाव से है, जो सामाजिक समानता को कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने कहा,

सामाजिक समानता का अर्थ है वंचितों को प्राथमिकता देकर सामाजिक न्याय की स्थापना करना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना. आज, ऐसे संकट उभर रहे हैं, जो हमारी एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर सीधा प्रहार करते हैं. अतिवादी सोच, क्षेत्रवाद, जाति-भाषा पर विवाद और बाहरी ताकतों द्वारा भड़काए गए विभाजन. ये सभी अनगिनत चुनौतियां हमारे सामने हैं. एक स्वयंसेवक के रूप में मुझे यह कहते हुए खुशी है कि संघ ने इन चुनौतियों को ना केवल चिह्नित किया है, बल्कि निपटने के लिए रोडमैप भी तैयार किया है. हमारी सरकार भी इन चुनौतियों से तेजी से निपट रही है.

'भारतीय मुद्रा में पहली बार भारत माता की तस्वीर' 

पीएम मोदी ने कहा कि यह उनकी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि उन्हें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है. उन्होंने स्वयंसेवकों को इसकी शुभकामनाएं दीं. पीएम ने कहा कि संघ की यात्रा की स्मृति में जो विशेष सिक्का जारी किया गया है, उसके एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह और दूसरी ओर शेर के साथ भारत माता की तस्वीर है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर है.

पीएम ने इस मौके पर जारी विशेष डाक टिकट के लिए भी बधाई दी. उन्होंने बताया कि 1963 की 26 जनवरी की परेड में RSS के स्वयंसेवक भी शामिल हुए थे. पीएम ने कहा,

अपनी स्थापना के बाद से ही संघ एक बड़ा उद्देश्य लेकर चला है. यह उद्देश्य है- राष्ट्र निर्माण. राष्ट्र निर्माण का महान उद्देश्य. व्यक्ति निर्माण का स्पष्ट पथ. शाखा जैसी सरल, जीवंत कार्यपद्धति. यही संघ की सौ वर्षों की यात्रा का आधार बने. संघ ने कितने ही बलिदान दिए, लेकिन भाव एक ही रहा- राष्ट्र प्रथम. लक्ष्य एक ही रहा- 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत'. संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य और अभूतपूर्व कार्य करते हैं. व्यक्ति निर्माण की ये सुंदर प्रक्रिया हम आज भी संघ की शाखाओं में देखते हैं. संघ शाखा का मैदान एक ऐसी प्रेरणा भूमि है, जहां स्वयंसेवक की यात्रा शुरु होती है. संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी है.

संघ को कुचलने के प्रयास हुए: PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र साधना की इस यात्रा में ऐसा नहीं है कि संघ पर हमले नहीं हुए, संघ के खिलाफ साजिशें नहीं हुईं. हमने देखा है कि कैसे आजादी के बाद संघ को कुचलने का प्रयास हुआ. मुख्यधारा में आने से रोकने के अनगिनत षड्यंत्र हुए. परमपूज्य गुरुजी को झूठे केस में फंसाया गया, उन्हें जेल तक भेज दिया गया. लेकिन जब पूज्य गुरुजी जेल से बाहर आए तो उन्होंने सहज रूप से कहा और शायद इतिहास में सहज भाव एक बहुत बड़ी प्रेरणा है.

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'मुश्किल समय में आगे आया संघ'

पीएम ने कहा कि भारत के बंटवारे के बाद जब लाखों परिवार बेघर हो गए थे, तब स्वयंसेवकों ने लोगों की सेवा की थी. संघ उन क्षेत्रों में भी काम करता रहा है, जहां तक पहुंचना बहुत कठिन होता है. पीएम ने कहा कि गुजरात में 1956 में जब भूकंप आया था, तब भई स्वयंसेवक आगे थे. 1984 के सिख दंगों के दौरान भी कई परिवारों ने स्वयंसेवकों के घर पर सहारा लिया था. पीएम ने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम जब चित्रकूट गए और नानाजी देशमुख से मिले तो संघ के स्वयंसेवकों के काम देख हैरान रह गए थे. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी जब नागपुर गए तो हैरान रह गए थे.

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