ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कहां चुपचाप बना डाले 72 आतंकी ठिकाने?
BSF का कहना है कि अभी Pakistan के साथ लगते इंटरनेशनल बॉर्डर के पार के इलाकों में कोई टेररिस्ट ट्रेनिंग कैंप नहीं है. हालांकि, ऐसे कैंपों के LoC के पार अंदरूनी इलाकों में होने की खबरें हैं.

ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों के तहस-नहस होने के बाद पाकिस्तान फिर एक्टिव हो गया है. इस ऑपरेशन के करीब 7 महीने बाद पाकिस्तान ने जम्मू के पास 70 से ज्यादा टेरर लॉन्च पैड खड़े कर दिए हैं. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की तरफ से यह दावा किया गया है.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी पोस्ट और टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचाया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि अब पाकिस्तान ने जम्मू फ्रंटियर पर चुपचाप दर्जनों टेरर लॉन्च पैड फिर से बनाए हैं और उन्हें एक्टिवेट कर दिया है.
इस्लामाबाद ने ऐसे ठिकानों को अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट करने के लिए कहा है. सीनियर BSF अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इसके बावजूद इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास कई लॉन्च पैड फिर से बन गए हैं. पाकिस्तान छोड़ी हुई पोस्ट को भी फिर से बना रहा है और ड्रोन के इस्तेमाल जैसी नई टैक्टिक्स भी अपना रहा है.
शनिवार, 29 नवंबर को BSF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल विक्रम कुंवर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने आंतकी ढांचे और पाकिस्तानी बॉर्डर पोस्ट को भारी नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा कि इसके बाद पाकिस्तान ने टेरर लॉन्च पैड को बॉर्डर से अंदरूनी इलाकों में ले जाने की पॉलिसी अपनाई. उन्होंने कहा,
“लेकिन, पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं. पाकिस्तान के सियालकोट और जफरवाल इलाकों में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास 12 टेरर लॉन्च पैड एक्टिव हो गए हैं. बाकी 60 लॉन्च पैड LoC के उस पार (जम्मू के पास) इलाकों में बने हैं.”
जनरल विक्रम कुंवर ने यह भी कहा कि आतंकियों की संख्या बदलती रहती है, लेकिन वे आम तौर पर उन्हें दो से तीन के ग्रुप में रखते हैं. उन्होंने कहा कि अभी इंटरनेशनल बॉर्डर के पार के इलाकों में कोई टेररिस्ट ट्रेनिंग कैंप नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे कैंपों के LoC के पार अंदरूनी इलाकों में होने की खबरें हैं.
BSF के इंस्पेक्टर जनरल शंशाक आनंद ने भी कहा कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिन पोस्ट को छोड़ा थे, वे उन पर वापस आ गए हैं. उन्होंने कहा कि बॉर्डर के पार उनकी एक्टिविटी पर BSF की पूरी नजर है. जनरल शंशाक ने बताया कि बॉर्डर की सुरक्षा के लिए BSF ग्राउंड सर्विलांस रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल थर्मल्स और UVA जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है.
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