पाकिस्तान-तालिबान की शांति वार्ता फेल, ख्वाजा आसिफ बोले- 'अगर हमला हुआ तो हम... '
Pakistan Afghanistan Istanbul Talks: रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता स्थगित कर दी गई है. चौथे दौर की वार्ता का कोई प्लान नहीं है. वहीं, दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर गुरुवार को भी तनाव जारी रहा, और जमकर गोलियां चलीं.

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव थमा जरूर है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया है कि दोनों देशों के बीच तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता पहले ही फेल हो चुकी है. अब आगे और बातचीत नहीं होगी. शुक्रवार 7 नवंबर को पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में आसिफ ने चेतावनी दी कि सीजफायर तभी तक रहेगा, जब तक अफगानिस्तान की धरती से कोई हमला नहीं होता.
इस वजह से सफल नहीं हुई बातचीतजियो न्यूज के मुताबिक, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता स्थगित कर दी गई है. चौथे दौर की वार्ता का कोई प्लान नहीं है. उन्होंने कहा कि तुर्की हमारे रुख का समर्थन करता है. अफगान डेलिगेशन भी उनसे सहमत था. लेकिन वे लिखित समझौते पर दस्तखत करने को तैयार नहीं थे. वे मौखिक आश्वासन ही देना चाहते थे, जो अंतर्राष्ट्रीय वार्ता में संभव नहीं है. पाकिस्तान सिर्फ एक औपचारिक लिखित समझौते को ही स्वीकार करेगा.
इससे पहले तीन दौर की बातचीत दोहा और इस्तांबुल में हुई थी. लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही. दिलचस्प बात यह है कि यह बात आसिफ के उस बयान के कुछ घंटे बाद आई, जिसमें उन्होंने कड़ी चेतावनी दी थी कि अगर बातचीत विफल हुई तो उन्हें तालिबान के साथ ‘जंग’ करनी पड़ेगी. आसिफ ने जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा,
अफगानिस्तान ने क्या बताया“अगर बातचीत फेल हो जाती है, तो हालात और बिगड़ जाएंगे. हमारे पास अपने ऑप्शन हैं. जिस तरह से हमें निशाना बनाया जा रहा है, हम भी उसी तरह से जवाब दे सकते हैं.”
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान के साथ इस्तांबुल में हुई बातचीत सफल नहीं रही क्योंकि पाकिस्तान का रवैया गैर-जिम्मेदाराना था. मुजाहिद के मुताबिक, अफगान प्रतिनिधिमंडल ने 6 और 7 नवंबर को लगातार दो दिन तक पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी. अफगान पक्ष की कोशिश थी कि बातचीत से कोई सकारात्मक नतीजा निकले, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने सारी सुरक्षा जिम्मेदारी अफगान सरकार पर डालने की कोशिश की और खुद किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं किया. मुजाहिद ने कहा कि अफगान पक्ष और मध्यस्थों ने पूरी ईमानदारी से कोशिश की थी लेकिन पाकिस्तान की वजह से बातचीत सफल नहीं हो सकी. उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान अपनी जमीन किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं करने देगा और अपने देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है.
बॉर्डर पर तनाव जारीवहीं, दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर गुरुवार 6 नवंबर को भी तनाव जारी रहा. क्रॉस-बॉर्डर फायरिंग में कम से कम पांच लोग मारे गए और छह अन्य घायल हो गए. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच क्रॉस-बॉर्डर झड़पों के बाद एक सीजफायर हुआ था.
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