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'हमें प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा था...' ऑपरेशन सिंदूर पर बोले आदिल हुसैन के पिता

India ने Pahalgam terror attack का बदला ले लिया है. भारतीय सेना ने Pakistan और PoK में घुसकर एयर स्ट्राइक की है. पहलगाम हमले में टूरिस्टों की जान बचाने में अपनी जान गंवाने वाले घोड़ेवाले सैयद आदिल हुसैन शाह के परिवारवालों ने इस हमले को लेकर खुशी जाहिर की है.

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आदिल हुसैन के पिता(बाएं) और भाई (दाएं) ने इस हमले पर खुशी जताई है. (ANI, इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
7 मई 2025 (Updated: 7 मई 2025, 10:30 AM IST) कॉमेंट्स
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भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों ने खुशी जताई है. इस ऑपरेशन को लेकर पहलगाम में टूरिस्टों को बचाने में अपनी जान गंवाने वाले घोड़ेवाले सैयद आदिल हुसैन शाह (adil hussain shah) के परिजनों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. आदिल के पिता ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा था कि वो इसका बदला लेंगे. 

आदिल हुसैन शाह के पिता सैयद हैदर शाह ने  न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, 

हम खुश हैं कि जिन 26 लोगों की मेरे बेटे के साथ जान चली गई. आज उनका बदला ले लिया गया. हम सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. फौज ने और सरकार ने इसका बदला लिया. सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे भी किसी टूरिस्ट या नागरिक की जान नहीं जाए. क्योंकि इंसान का कत्ल इंसानियत नहीं है. जो लोग ये काम करते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा था कि वो इसका बदला लेंगे. बदला ले लिया तो हम खुश हैं. आज हमको इंसाफ मिला है. 

आदिल के छोटे भाई सैयद नौशाद हुसैन शाह ने भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर खुशी जाहिर की है. नौशाद ने कहा, 

आज मोदी जी ने जो काम किया है. सेना ने जो काम किया है. उससे हम बहुत खुश हैं. आज उन्होंने बदला लिया है. 26 मासूम लोगों की जान का बदला लिया है. इसकी वजह से हम बहुत खुश हैं. और बहुत शुक्रिया अदा भी करना चाहते हैं मोदी जी का और हमारी सेना का.

ये भी पढ़ें - Operation Sindoor: 10 प्वाइंट्स में जानिए पाकिस्तान पर भारत के हमले की पूरी कहानी

सैयद हुसैन शाह पहलगाम के पास अशमुकाम का रहने वाला था. वह पर्यटकों को घोड़े पर घुमाने का काम करता था. हमले के दिन 22 अप्रैल को वह अपने घोड़े पर टूरिस्ट्स को घुमाने के लिए बैसरन गया था.  आतंकी जब गोलियां चलाकर निर्दोष लोगों को मार रहे थे तो उसने उन्हें रोकने की भी कोशिश की.उसने कहा कि ये कश्मीर के मेहमान हैं. मासूम हैं. उन्हें मत मारो. आतंकियों ने उसकी एक न सुनी. इस पर वह एक आतंकवादी से भिड़ गया और उसकी राइफल छीनने की कोशिश की. इस पर हमलावर ने उसे गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई.

वीडियो: ‘देश की सेना को सलाम’ भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले शुभम द्विवेदी के पिता?

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